नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में कहा कि डीलर या अधिकृत सर्विस सेंटर वाहन में रिपेयर में कोताही पर कार निर्माता को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इस मामले में एक होंडा सिटी कार जो 1999 में खरीदी गई थी 2010 में उसमें दुर्घटना के कारण कुछ डैमेज हो गया। कार को अधिकृत सेवा केंद्र में ले जाया गया। बाद में इस मामले में सर्विस सेंटर और कार निर्माता पर कोताही का शिकायत करते हुए जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत की गई।
जिला फोरम ने शिकायत को स्वीकार कर लिया लेकिन यह मानने से इनकार कर दिया कि इस मामले कार निर्माता की कोई गलती है, क्योंकि शिकायत में ऐसा कहीं नहीं बताया गया था कि कार के निर्माण में कोई खामी थी। यह फैसला राज्य आयोग में बरकरार रहा। राष्ट्रीय आयोग ने इस फैसले को पलट दिया और कार निर्माता को भी दोषी ठहराया। आयोग ने आदेश दिया कि वाहन निर्माता शिकायतकर्ता को ब्रांड न्यू कार दे और साथ में ढाई लाख रुपये का मुआवजा भी दे। आयोग का कहना था कि उपभोक्ता को नई कार देने से निर्माता की साख बढ़ेगी।
इस आदेश को निर्माता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने आदेश में कहा कि जब कार के निर्माण में कोई कमी नहीं है तो कार निर्माता को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। कोर्ट ने जिला और राज्य उपभोता मंचों के आदेश को सही ठहराया जिन्होंने कार की रिपेयर करने में डीलर और सर्विस सेंटर को जिम्मेदार ठहराया था।