छत्तीसगढ़ में गुरुवार (7 मई) को 8 नक्सलियों के एनकाउंटर के बाद माओवादियों ने सरकार से बातचीत करने की बात कही है। नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के सदस्य ने सरकार को पत्र लिखा। इसमें लिखा कि खून-खराबा रोकने हम बातचीत के लिए तैयार हैं।
गुरुवार शाम को रेकावाया गांव के पास मारे गए 8 माओवादियों के शव बरामद किए गए थे। सभी शवों को लेकर जवान दंतेवाड़ा पहुंच रहे हैं। घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार भी मिले हैं। मारे गए नक्सलियों की अभी पहचान नहीं हुई है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि अबूझमाड़ के रेकावाया इलाके में नक्सलियों की प्लाटून नंबर 16 और इंद्रावती एरिया कमेटी के नक्सली मौजूद हैं। जवानों को नक्सलियों की सटीक लोकेशन मिल गई। तब इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए तीन जिलों नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा पुलिस को ऑपरेशन के लिए उतारा गया।
रेकावाया के जंगलों में चारों तरफ से घिरे नक्सली
गुरुवार रात 11 बजे तक रेकावाया के जंगलों में जवानों ने बड़ी संख्या में नक्सलियों को घेर रखा था। दोनों ओर से रुक-रुककर गोलीबारी हो रही थी। सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों के अबूझमाड़ में डेरा जमाने की बात सामने आई थी। जवान अब भी मौके पर ही मौजूद हैं। सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
कल दोपहर 11 बजे नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की
नारायणपुर SP प्रभात कुमार और दंतेवाड़ा SP गौरव राय ने बताया कि नारायणपुर-बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में प्लाटून नंबर 16 और इंद्रावती एरिया कमेटी के नक्सलियों के होने की सूचना पर नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के साथ एसटीएफ की टीमें सर्च अभियान पर निकली थीं। दोपहर 11 बजे नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की।
फोर्स के घेरे में ऐसे घिरे नक्सली कि भाग नहीं सके
नक्सलियों की लोकेशन दंतेवाड़ा बीजापुर की सरहद से भी जुड़ रही थी। ऐसे में बुधवार रात 9 बजे ही तीनों जिलों की फोर्स ने एक साथ जंगल में ऑपरेशन लॉन्च किया। पूरा ऑपरेशन इस तरह प्लान किया कि सभी जवान एक साथ अबूझमाड़ पहुंचें। ताकि नक्सली खुद को घिरता देखकर किसी भी ओर से भाग न सकें।
अबूझमाड़ के रेकावाया में नारायणपुर डीआरजी और एसटीएफ के बीच सुबह 11 बजे नक्सलियों के साथ पहली मुठभेड़ हुई। उधर, दंतेवाड़ा से निकली जवानों की टीम और नक्सलियों में मुठभेड़ हो गई। पूरा ऑपरेशन योजना के मुताबिक चला।
गृहमंत्री का नई सरेंडर पॉलिसी का ऐलान, आठ घंटे बाद ऑपरेशन
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बुधवार दोपहर 1 बजे बस्तर से ही नक्सलियों के लिए अपडेट सरेंडर नीति लाने की घोषणा की थी। इसमें खुद नक्सलियों को बताने का मौका दिया कि वे पॉलिसी में क्या चाहते हैं। इस ऐलान के 8 घंटे बाद ही नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू हो गया।
माना जा रहा है कि सरकार का नक्सलियों के लिए साफ मैसेज है कि या तो वे सरेंडर करें या फिर मुठभेड़ में मरने के लिए तैयार रहें।
नक्सली बोले- खून खराबा रोकने वार्ता के लिए तैयार
बस्तर में लगातार हो रही मुठभेड़ से बौखलाए और सरकार की तरफ से शांति वार्ता की पहल को लेकर अब नक्सलियों ने प्रतिक्रिया दी है। हार्डकोर नक्सली और सेंट्रल कमेटी सदस्य प्रताप ने मीडिया को एक पत्र भेजा है। जिसमें उसने लिखा है कि बस्तर में हो रहे खून खराबा को रोकने के लिए हम सरकार से वार्ता के लिए तैयार हैं।
लेकिन इससे पहले कुछ बातें हैं जिसे स्पष्ट करना है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प दो बार वार्ता के लिए अपनी राय दे चुके हैं। लेकिन उस पर सरकार की ओर से ईमानदारी के साथ कुछ भी रिस्पॉन्स नहीं आया है।
'जनवादी माहौल में वार्ता चाहते हैं'
पत्र में लिखा कि यह कहा जा रहा है कि हम वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं। माहौल ऐसा बना है कि हमने कुछ शर्त रखी हैं, लेकिन यह गलत है। हम एक जनवादी माहौल में वार्ता चाहते हैं, शांतिपूर्ण माहौल को कायम रखने के लिए बातचीत चाहते हैं। खून खराबा को रोकने के लिए प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं।
'प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए हम लड़ रहे हैं'
नक्सली ने लिखा- छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने वार्ता के लिए पहले कुछ शर्तें रखी हैं। उन्होंने रोड निर्माण का काम बंद न करने की शर्त रखी है, लेकिन हर कोई जानता है कि अपने जल-जंगल-जमीन और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए हम लड़ रहे हैं। वहीं, विजय शर्मा संसाधनों का दोहन चाहते हैं।
इस साल 110 से ज्यादा नक्सली ढेर, 300 का सरेंडर
फोर्स ने इस साल अब तक 110 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया है। इनमें कांकेर में 29 नक्सली एक साथ मारे गए थे। बीजापुर पुलिस ने भी करीब 45 नक्सलियों को ढेर किया है। पूरे संभाग में करीब 300 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। सबसे ज्यादा सरेंडर दंतेवाड़ा जिले में हुए।
सीएम बोले- फोर्स को एक और कामयाबी
सीएम विष्णुदेव साय ने कहा- मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। उनके साहस को सलाम करता हूं। नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। नक्सलवाद को खत्म करेंगे।