भोपाल । भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने गांधी मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित कमला नेहरू चिकित्सालय गैस राहत भोपाल में एरोक्स मेटऑक्स 500 लीटर प्रति मिनिट (एल.पी.एम.) पी.एस.ए. ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पिछले 2 साल कोरोना काल वाले विचार मंथन के थे। उस समय समझ में आया कि ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं है। इस नकारात्मक विचारों से लोग सकारात्मक हुए और उन्होंने अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में से समय निकालकर दूसरों के लिए सेवाभाव से काम किया। समाज के प्रबुद्ध वर्ग ने सामने आकर नि:स्वार्थ जरूरतमंदों की सेवा की।
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि इस भयावह स्थिति से निपटने के लिये सभी ने टीम भावना से काम किया। समाज का हर व्यक्ति सरकार के साथ मिलकर कदम से कदम मिलाकर चला। उन्होंने कहा कि इस दौर में ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध रखने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निरंतर निगरानी कर व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरूस्त रखते रहे।
यह ऑक्सीजन प्लांट वातावरण से ऑक्सीजन लेकर प्रति मिनट 500 लीटर की
क्षमता से मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन करता है। इस ऑक्सीजन प्लांट से 100 ऑक्सीजन
बेड या 25 आई.सी.यू.
बेड संबद्ध किये जा सकते है। यह ऑक्सीजन प्लांट वातावरण से हवा लेकर जो ऑक्सीजन तैयार कर प्रदाय करता है, वह लगभग
100 प्रतिशत शुद्ध होती है।
ऑक्सीजन प्लांट को निरंतर चलायमान स्थिति में रखने के लिए नियमित विद्युत प्रदाय व्यवस्था से संबद्ध किया गया है। नियमित विद्युत प्रदाय आपूर्ति बाधित न हो, उसके लिए
एक ऑटोचेंज ओवर व्यवस्था सहित डी.जी. सेट स्थापित किया गया है, ताकि प्लाट
निरंतर चलता रहे।
ऑक्सीजन प्लांट को वातावरण के दुष्प्रभाव से सुरक्षित रखने के लिए कार्यालयीन स्तर पर शेड एवं प्लेटफार्म निर्मित कर स्थापित किया गया है, ताकि प्लांट सदैव क्रियाशील रहे। वर्तमान में इस प्लांट से ऑक्सीजन प्रदाय होने से कमला नेहरू चिकित्सालय ऑक्सीजन के लिये आत्म-निर्भर हो गया। है। इस प्लांट की स्थापना से गैस पीड़ितों के लिए चिकित्सा सुविधा में वृद्धि हुई है।
उल्लेखनीय है कि विश्व में कोविड-19 भीषण महामारी होने के कारण सभी चिकित्सालय में ऑक्सीजन की माँग मरीजों को देखते हुये बहुत आवश्यक हो गयी थी। कमला नेहरू चिकित्सालय में ऑक्सीजन मिनीपोल्ड वर्ष 2016 में स्थापित किया गया था। साथ ही चिकित्सालय में ऑक्सीजन वैक्यूम नाईट्स की पाइप लाइन भी स्थापित की गयी थी। इस पर व्यय तदसमय राशि 50 लाख रूपये
किया गया था। वर्ष 2021 मार्च से
जून तक मरीजों की संख्या को देखते हुये ऑक्सीजन का प्रदाय सिलेण्डर के माध्यम से पूर्ण किये जाने में कठिनाई आ रही थी। आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन की उपलब्धता बाजार में कम होने के कारण प्लांट की स्थापना आवश्यक थी।