नई दिल्ली । कंपनी कानून के तहत उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद पिछले पांच वित्त वर्षों में 3.96 लाख से अधिक कंपनियों को सरकारी रिकॉर्ड से हटा दिया गया। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। कंपनी अधिनियम, 2013 को लागू करने वाले कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष में सरकारी रिकॉर्ड से 12,892 कंपनियों को हटाया, जबकि 2019-20 में यह संख्या 2,933 थी।
कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह द्वारा मंगलवार को एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को उपलब्ध कराए गए आंकड़े बताते हैं कि पिछले पांच वित्त वर्षों में कुल 3,96,585 कंपनियों को कंपनी पंजीयक से हटाया गया है।
वर्ष 2016-17 में कुल 7,943 कंपनियों को रजिस्टर से हटाया गया, जबकि वर्ष 2017-18 में यह संख्या 2,34,371 और वर्ष 2018-19 में 1,38,446 थी। यह पूछे जाने पर कि क्या अनुपालन में कमी के कारण कई कंपनियों को बंद कर दिया गया, मंत्री ने 'हां' में जवाब दिया।
एक अलग लिखित जवाब में सिंह ने कहा कि सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व) ढांचा प्रकटीकरण-आधारित है और सीएसआर के तहत आने वाली कंपनियों को सालाना आधार पर ऐसी गतिविधियों का ब्योरा एमसीए21 रजिस्ट्री में दाखिल करना होता है। महाराष्ट्र सरकार ने 12 कंपनियों के साथ 5,051 करोड़ रुपये के सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि इन एमओयू से 9,000 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।