नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद में यह बताया है कि उसने साल 2018 से 2021 के बीच प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को दिए विज्ञापनों पर 1700 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) सांसद बदरुदीन अजमल के सवाल का जवाब देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी।
ठाकुर ने लिखित जवाब में बताया, 'सरकार द्वारा दिए गए विज्ञापनों का प्रमुख मकसद सरकारी नीतियों और योजनाओं के बारे में उसके लक्षित लाभार्थियों को जागरूक करना है।'
मंत्रालय की ओर से साझा किए गए डेटा के मुताबिक, सरकार अखबारों को दिए विज्ञापन पर कुल 826.5 करोड़ रुपये खर्च किए। मंत्रालय ने बताया कि 2020-21 के बीच 6 हजार 85 अलग-अलग अखबारों में 118.59 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया गया।
वहीं, 2019-2020 के बीच 5365 अखबारों में 200 करोड़ रुपये और 2018-19 के बीच 6119 अखबारों में 507.9 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए गए। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बीते तीन साल में विज्ञापन के लिए 193.52 करोड़ रुपये दिए गए। इससे पहले भी अनुराग ठाकुर संसद में बता चुके हैं कि सरकार ने टेंडर या नौकरी की भर्तियों वाले गैर-संचार विज्ञापनों पर खर्च कम कर दिया है।