प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में पहला बजट पेश करने से पहले सोमवार (22 जुलाई) को मीडिया को संबोधित किया। मोदी ने बजट सत्र के दौरान सरकार के एजेंडे पर बात की। उन्होंने कहा कि यह बजट अगले पांच साल की दिशा तय करेगा और 2047 में विकसित भारत के सपने को पूरा करने की नींव रखेगा।
मोदी ने जून में सरकार बनने के बाद लोकसभा के पहले सत्र में विपक्ष के हंगामे की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि संसद दल के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए है। 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को चुना, पहले सत्र में उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा- विपक्ष ने अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए संसद के समय का इस्तेमाल किया। देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का प्रयास किया। ढाई घंटे मेरी आवाज दबाने की कोशिश की। लोकतांत्रिक परंपराओं में ऐसे आचरण का कोई स्थान नहीं हो सकता। इसका कोई पश्चाताप तक नहीं है।
मोदी के संबोधन की 5 मुख्य बातें...
1. सावन के दिन सत्र की शुरुआत
मोदी बोले- आज सावन का पहला सोमवार है। इस पवित्र दिवस पर एक महत्वपूर्ण सत्र की शुरुआत हो रही है। आज संसद का मानसून सत्र आरंभ हो रहा है। देश बहुत बारीकी से देख रहा है कि संसद का यह सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो और देशवासियों के सपनों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नींव रखने वाला हो।
2. 60 साल बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आई
प्रधानमंत्री ने कहा- भारत के लोकतंत्र की जो गौरव यात्रा है, उसमें यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव के तौर पर देख रहा हूं। व्यक्तिगत तौर पर मुझे और साथियों को गर्व का विषय है कि 60 साल बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आई और तीसरी पारी के पहले बजट का सौभाग्य प्राप्त हो। यह भारत की अत्यंत गौरवपूर्ण घटना के तौर पर देश देख रहा है।
3. यह बजट अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है
मोदी ने कहा- मैं देशवासियों को जो गारंटी देता रहा हूं, उन गारंटियों को जमीन पर उतारना इस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। कल हम जो बजट पेश करेंगे, वह अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। हमें पांच साल का जो अवसर मिला है, ये बजट हमारे उन पांच साल की दिशा तय करेगा।
ये बजट 2047 के विकसित भारत के सपने मजबूत देने वाला होगा। हर देशवासी के लिए बड़े गर्व की बात है कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश है। पिछले 3 सालों में लगातार 8 प्रतिशत ग्रोथ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगे तब विकसित भारत का सपना पूरा करेगा।
4. चुनाव लड़ चुके, अब देश के लिए लड़ने की बारी
PM ने कहा- मैं देश के सभी सांसदों से, वो किसी भी दल के क्यों न हो, कहना चाहता हूं कि जनवरी से लेकर अब तक हमारे पास जितना सामर्थ्य था, जितनी लड़ाई लड़नी थी, लड़ ली। किसी ने जनता को राह दिखाने का प्रयास किया, तो किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन अब वो दौर खत्म हो चुका है। जनता ने अपना फैसला सुना दिया है।
अब पार्टी लाइन से ऊपर उठकर देश के लिए खुद को समर्पित करें और संसद के इस गरिमामय मंच का अगले 4.5 साल तक उपयोग करें। जनवरी 2029 के चुनावी साल में आप कोई भी खेल खेल लें, लेकिन तब तक हमें किसानों, युवाओं और देश के सशक्तिकरण के लिए अपनी भागीदारी निभानी चाहिए।
5. नकारात्मक राजनीति ने संसद का समय बर्बाद किया
मोदी ने लोकसभा के पिछले सत्र का जिक्र करते हुए कहा- मुझे आज बहुत दुख के साथ कहना है कि कुछ सांसद 5 साल के लिए आए। कुछ को 10 साल का मौका मिला। हालांकि, पिछले सत्र में कई को अपने क्षेत्र की बात करने का मौका नहीं मिला। क्योंकि कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने देश की संसद के महत्वपूर्ण समय को अपनी विफलताएं ढांकने के लिए दुरुपयोग किया।
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4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद 24 जून को 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ था। यह 2 जुलाई को खत्म हुआ। सत्र के आखिरी दिन मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया।
प्रधानमंत्री ने 2 घंटे 15 मिनट तक भाषण दिया। इस दौरान विपक्ष वेल में आकर लगातार हंगामा करता रहा। विपक्षी सांसदों ने 'तानाशाही नहीं चलेगी, 'मणिपुर-मणिपुर' और 'न्याय दो-न्याय दो' के नारे लगाए।
पीएम को इस दौरान दो बार अपना भाषण रोकना पड़ा। स्पीकर ने विपक्ष को दो बार ऐसा नहीं करने की नसीहत दी। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि ये ठीक नहीं है, फिर भी विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे।