लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के चुनाव से पहले PM मोदी ने पश्चिम बंगाल में TMC के शासन को लेकर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि TMC बंगाल में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
मोदी ने न्यूज एजेंसी ANI से इंटरव्यू के दौरान कहा- पश्चिम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव में हमारे 3 विधायक थे। इसके बाद बंगाल की जनता ने हमें 80 विधायकों तक पहुंचा दिया। TMC के लोग बौखलाए हुए हैं। वहां लगातार हत्याएं हो रही हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनाव के पहले जेलों में बंद किया जा रहा है।
PM मोदी ने चुनावी रैली में विपक्ष की भाषा को लेकर कहा- विपक्ष के नेता मुझे गाली देते हैं। मुझे 'मौत का सौदागर' और 'गंदी नाली का कीड़ा' कहा गया। मैं पिछले 24 साल से गालियां खा-खा कर गाली प्रूफ बन गया हूं।
संसद में हमारे एक साथी ने हिसाब लगाकर बताया था कि मुझे 101 गालियां दी गई हैं। चाहे चुनाव हो या न हो, विपक्षी मानते हैं कि गालियां देने का हक उनका ही है। वे इतने निराश हो चुके हैं कि गालियां देना उनका स्वभाव बन गया है।
सवाल: चुनावी भाषणों में SC, ST और OBC के आरक्षण को लेकर इतनी चर्चा क्यों हो रही है?
मोदी: मुझे मेरे SC,ST, OBC और अति पिछड़े भाई बहनों को सचेत करना है, क्योंकि इनको अंधेरे में रख कर के विपक्ष के लोग लूट चला रहे हैं। भारत के संविधान की मूल भावना का हनन हो रहा है। विपक्ष संविधान की मर्यादाओं का तार-तार कर रहा है और वो भी अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए।
कांग्रेस के नेताओं ने सदन में कहा था कि भाजपा PSU का नीजिकरण कर आरक्षण मिटा रही है। ये सच्चाई नहीं है। कांग्रेस ने रातों-रात शैक्षणिक संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थान बना दिया था। दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में सारे आरक्षण खत्म हो गए।
सवाल: 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी OBC प्रमाणपत्रों को रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले पर आप क्या कहेंगे?
मोदी: विपक्ष के पास एक कार्यप्रणाली है। सबसे पहले, उन्होंने आंध्र प्रदेश में कानून बनाकर आरक्षण अल्पसंख्यकों को देने का पाप शुरू किया, लेकिन वे कामयाब नहीं हुए। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, क्योंकि संविधान इसकी अनुमति नहीं देता है।
इसलिए उन्होंने चतुराई से पिछले दरवाजे से खेल शुरू किया और इन लोगों ने रातों-रात मुस्लिमों की सभी जातियों को OBC बना दिया और OBC से उनके अधिकार छीन लिए। जब हाई कोर्ट का फैसला आया तो साफ हो गया कि यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा था। विपक्ष के लोग वोट बैंक की राजनीति के लिए अब न्यायपालिका का भी दुरुपयोग कर रहे हैं। ये मुझे स्वीकार्य नहीं है।
सवाल: विपक्ष कहता है कि आप आरक्षण खत्म कर देंगे। केजरीवाल कहते हैं कि आप तय करते हैं कि कौन जेल जाएगा। मोदी: आरक्षण खत्म करने का पाप उन्होंने ही किया है। मैं तो इनके किए कामों के खिलाफ ही बोल रहा हूं। इन्हें झूठ बोलने के लिए किसी चीज का सहारा लेना है, इसलिए ये लोग कहते हैं कि हम आरक्षण खत्म करेंगे। जहां तक जेल भेजने वाली बात का सवाल है। बेहतर होगा कि विपक्ष वाले संविधान पढ़ लें। देश के कानून पढ़ लें, मुझे किसी को कुछ कहने की जरूरत नहीं है।
सवाल: कश्मीर में रिकॉर्ड वोटिंग और आर्टिकल 370 पर आपकी क्या राय है?
मोदी: मैं चाहूंगा कि कश्मीर की जो स्थिति बदली है उसके संदर्भ में मैं सबसे पहले देश के न्यायतंत्र को प्रार्थना करना चाहता हूं। सरकार के काम करने की रणनीति होती है। उसके लिए कभी मुझे इंटरनेट बंद करना पड़ा, कोई NGO कोर्ट चला गया और कोर्ट में वो मुद्दा बन गया।
भले ही मैंने कुछ समय के लिए इंटरनेट बंद किया था, लेकिन आज वहां के बच्चे बहुत गर्व के साथ कहते हैं कि 5 साल से इंटरनेट बंद नहीं हुआ है। 5 साल से हमें सब सुविधाएं मिल रही हैं। कुछ दिन तकलीफ हुई, लेकिन अच्छे काम के लिए हुई थी। जो ऐसे NGO हैं, जिन्होंने अदालतों के भरोसे लड़ाई शुरू की है उनसे देश को बचाना बहुत जरूरी है।
धारा 370 सिर्फ 4-5 परिवारों का एजेंडा था, ये न तो कश्मीर के लोगों का एजेंडा था और न ही देश के लोगों का एजेंडा था। अपने फायदे के लिए उन्होंने 370 की दीवार बनाई थी। कश्मीर के लोगों में अपनेपन की भावना बढ़ रही है और इसलिए इसका सीधा परिणाम चुनाव और पर्यटन में दिख रहा है।
सवाल: लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा में विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं। विपक्ष कहता है कि आपके नवीन पटनयाक से अच्छे रिश्ते हैं।
मोदी: ओडिशा के पास बहुत प्राकृतिक संसाधनों हैं, इतने समृद्ध राज्य में गरीब लोगों को देखकर दुख होता है। ओडिशा भारत के समृद्ध राज्यों में से एक है, लेकिन ओडिशा में गरीबी भी बहुत है। ओडिशा के लोगों को उनका अधिकार नहीं मिल रहा है। इसके लिए वहां कि सरकार जिम्मेदार है। ओडिशा की वर्तमान सरकार की एक्सपायरी डेट 4 जून है।
25 साल से ओडिशा में प्रगति नहीं हो रही है। सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि कुछ ऐसे लोगों की टोली है, जिसने पूरे ओडिशा की व्यवस्था पर कब्जा कर लिया है। ओडिशा अगर उन बंधनों से बाहर आएगा तो ओडिशा खिलेगा।
हिंदुस्तान के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ हमारे संबंध अच्छे हैं। लोकतंत्र में हमारी दुश्मनी नहीं होती है। अब सवाल ये हैं कि मैं मेरे संबंधों को संभालूं या ओडिशा के भाग्य की चिंता करूं। तब मैंने रास्ता चुना की मैं ओडिशा के उज्जवल भविष्य के लिए अपने आप को खपा दूंगा। उसके लिए मेरे संबंधों की अगर मुझे बलि चढ़ानी पड़ेगी तो मैं तैयार हूं।