ओडिशा में आज मोहन चरण माझी नए मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे। उनके साथ दो डिप्टी, कनक वर्धन सिंहदेव और प्रभाती परिदा भी अपने पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे।
ओडिशा को 24 साल बाद कोई आदिवासी मुख्यमंत्री मिला है। इससे पहले हेमानंद बिस्वाल राज्य के पहले आदिवासी थे, जो दो बार मुख्यमंत्री रहे।
शपथ ग्रहण समारोह भुवनेश्वर के जनता मैदान में शाम 5 बजे होगा। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे। इसके अलावा कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी CM भी शामिल होंगे। निवर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भी इनवाइट किया गया है। कार्यक्रम में विधायकों और सांसदों सहित लगभग 50 हजार लोगों के शामिल होने का अनुमान है।
भुवनेश्वर में आधे दिन की सरकारी छुट्टी
ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक नए मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह के लिए 12 जून को दोपहर 1 बजे के बाद भुवनेश्वर में सभी राज्य सरकार के कार्यालय और अदालतों को आधे दिन की छुट्टी देने का ऐलान किया है।
मोहन माझी शिशु मंदिर में गुरुजी थे, अब ओडिशा के CM बनेंगे
मोहन माझी क्योंझर जिले के झोपुड़ा ब्लॉक के रायकोड़ा गांव के रहने वाले हैं। माझी क्योंझर से BJD की वीणा माझी को 11 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। इसके अलावा वे 2019, 2009 और 2000 में भी विधायक रह चुके हैं। 23% आदिवासी आबादी वाले उड़ीसा में माझी भाजपा का स्थानीय बड़ा आदिवासी चेहरा हैं।
माझी उसी समुदाय से आते हैं, जिससे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आती हैं। यानी माझी संथाल आदिवासी समुदाय के हैं। उड़ीसा में मिशनरीज द्वारा आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का मुद्दा बहुत बड़ा है। मोहन माझी कन्वर्जन के खिलाफ क्योंझर और मयूरभंज जिले में सबसे बड़ा चेहरा हैं।
ओडिशा के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल थे। वे कांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री भी रहे। बिस्वाल ने 1989 से 1990 और 1999 से 2000 तक दो बार मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। अगस्त 2022 में उनका निधन हो गया।
पटनायक सरकार में कनक वर्धन सिंहदेव मंत्री थे
कनक वर्धन सिंहदेव बोलांगीर के राजपरिवार से से हैं। उन्होंने 1995 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा। केवी सिंह ने बोलांगीर जिले के पटनागढ़ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और वे विधानसभा के लिए चुने गए। तब से वे बार-बार 12 वीं, 13 वीं, 14 वीं और 15 वीं ओडिशा विधानसभा के लिए चुने गए।
वे नवीन पटनायक सरकार में 2000-2004 तक उद्योग और सार्वजनिक उद्यम, 2004-2009 तक शहरी विकास और सार्वजनिक उद्यम के मंत्री रह चुके हैं। 2013-2016 तक वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।