भोपाल । कोरोना लाकडाउन के बाद शुरु हुई रेलों में जनरल टिकट पर रिजर्वेशन शुल्क लिया जा रहा है। इतना ही नहीं अपडाउनरों को मासिक सीजन टिकट व एमएसटी भ्री नहीं दिए जा रहे हैं। रेलवे ने ट्रेनों के नंबर तो बदल दिए लेकिन सुविधाएं बहाल नहीं की है। वरिष्ठ नागरिक समेत अन्य श्रेणी में पात्रता रखने वाले यात्री किराए में छूट के लिए तरस रहे हैं। आम यात्रियों में इस बात को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है।
दरअसल, भोपाल, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन और संत हिरदाराम नगर स्टेशन से चौबीस घंटे में 150 से अधिक ट्रेनें होकर गुजरती हैं। इनमें से 115 ट्रेनों में यात्रियों को कोरोना के पहले जैसी सुविधाएं नहीं मिल रही है। बची 35 ट्रेनों में शर्तो के आधार पर जनरल टिकट, एमएसटी की सुविधा है लेकिन इनमें भी कोरोना के पहले की तरह चिन्हित यात्रियों को किराये में छूट नहीं दी जा रही है। एसी कोच में चादर, कंबल का इंतजाम नहीं है। यात्रियां को एमएसटी की सुविधा है लेकिन केवल चिन्हित कोचों में ही वे एमएसटी लेकर सफर कर सकते हैं।
कोरोना के पहले प्रत्येक मेल, एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनें चलती थी। इन्हें एक्सप्रेस ट्रेन कहते थें 95 फीसद ट्रेनों के नंबरों की शुरूआत 1 से व बाकी की शुरूआत 2 से होती होती थी। ट्रेनों में जनरल टिकट मान्य थे। ये मोबाइल एप से और रेलवे के टिकट काउंटरों से मिलते थे। इन टिकटों को बुक कराने में रिजर्वेशन शुल्क नहीं जुड़ता था। जनरल टिकट पर यात्री भोपाल से मुंबई, दिल्ली, चेन्नई समेत लंबी दूरी तक की यात्रा कर सकते थे।
एसी कोच के यात्रियों को कंबल, चादर, तकिये मिलते थे। वरिष्ठ नागरिकों में 55 साल से अधिक उम्र की महिला यात्रियों को किराए में 50 फीसद की छूट मिलती थी और 60 वर्ष के पुरूष यात्रियों को किराए में 40 फीसद की छूट मिलती थी। यह छूट अन्य विशेष श्रेणी में आने वाले यात्रियों को भी मिलती थी। कोरोना के बाद मेल, एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया। 1 मई 2020 से इक्का—दुक्का ट्रेनें चलाई। तब ट्रेनों के मूल नंबरों में शुरू के 1 व 2 अक्षर को हटाकर जीरो लगा दिया और ट्रेनों को एक्सप्रेस से विशेष ट्रेनों का दर्जा दे दिया। साथ ही जनरल टिकट देने बंद कर दिए।
रिजर्वेशन से टिकट बेचे जा रहे हैं। एक टिकट लेने पर 15 रुपये रिजर्वेशन शुल्क चुकाना पड़ता है। किराए में छूट नहीं दी जा रही है। कई ट्रेनों के ठहराव में बदलाव करके कुछ स्टेशनों पर ठहराव खत्म कर दिए हैं। एसी कोच में चादर, कंबल व तकिये की सुविधा नहीं है। हाल ही में चुनिंदा मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में जनरल टिकट की सुविधा दी है। वर्तमान समय में पैसेंजर ट्रेनें अभी भी नहीं चलाई है। इनके स्थान पर इक्का—दुक्का मेमू ट्रेनें चलाई जा रही है। बंद की गई मेल, एक्सप्रेस में से लगभग सभी ट्रेनों को चला दिया है।
इस बारे में अप-डाउनर एसोसिएशन मप्र के उपाध्यक्ष अरुण अवस्थी का कहना है कि ट्रेनों में कोरोना से पहले की तरह सुविधा दी जानी चाहिए। यात्रियों को इसकी सख्त जरूरत है। ट्रेनों में जनरल टिकट नहीं मिलने, एमएसटी सुविध बंद होने के कारण हजारों लोगों को बेरोजगार होना पड़ा है। अब स्थिति सामान्य हो गई है इसलिए कोरोना से पहले की तरह ट्रेनों में सुविधाएं जल्द बहाल की जाए। हम इसकी मांग लगातार कर रहे हैं।