भोपाल । मप्र में लागू कोरोना के सारे प्रतिबंध हटाए दिए गए हैं। शादी में अब जी-भर मेहमान बुलाए जा सकेंगे। अब तक इनकी संख्या 300 थी। वहीं, रात 11 से सुबह 6 बजे तक लागू नाइट कफ्र्यू भी हटा दिया गया है। स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल और कोचिंग क्लासेस भी 100 प्रतिशत क्षमता से खुल सकेंगी। प्रदेश के सभी धार्मिक और सांस्कृतिक मेले भी हो सकेंगे। मेले पिछले डेढ़ साल से नहीं लग रहे हैं। राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक चल समारोह भी निकाले जा सकेंगे। हालांकि, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना जरूरी रहेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मीटिंग लेकर सारे प्रतिबंध हटाने के आदेश जारी कर दिए। बुधवार से ही सभी प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग समेत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग करने के बाद सारे प्रतिबंध हटाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा, कुछ आवश्यक सावधानियों की शर्त के साथ प्रतिबंध हटाए गए हैं। नाइट कफ्र्यू बुधवार की रात से ही समाप्त कर दिए गए हैं।
शादी की खुशियां होंगी दोगुनी
फेस्टिवल के बाद 15 नवंबर से प्रदेशभर में शादी का धूम-धड़ाका भी शुरू हो गया है। हालांकि, मेहमानों की संख्या 300 थी। इस कारण लोग सभी मेहमानों को नहीं बुला पा रहे थे, लेकिन अब जितने चाहे उतने मेहमान बुलाए जा सकेंगे। वहीं, बारात भी निकाली जा सकेगी। इससे शादी की खुशियां दोगुनी हो गई हैं।
बता दें कि पिछले साल कोरोना की वजह से लंबे समय तक मेहमानों की संख्या सीमित रही। इस साल अप्रैल में कोरोना कफ्र्यू लगा था। इसके बाद से ही मेहमानों की संख्या कम रही। शुरुआत में संख्या 50 थी। बाद में यह 100 कर दी गई। 6 अक्टूबर को गृह विभाग ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए शादी में मेहमानों की संख्या बढ़ाकर 300 कर दी थी, लेकिन लोग और शादी-विवाह से जुड़े व्यवसाय के संचालकों ने मेहमानों की संख्या से प्रतिबंध हटाने की मांग उठाई थी। आखिरकार सरकार ने तिबंध हटा दिए।
लगेंगे मेले निकलेगा चल समारोह
अब मेलों का आयोजन भी हो सकेगा। वहीं, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक चल समारोह भी निकालने की छूट दी गई है। वहीं सरकार ने स्विमिंग पूल खोलने का निर्णय भी लिया है। अब तक स्विमिंग पूल खिलाडिय़ों को प्रैक्टिस के लिए खोले जा रहे थे। अब सभी लोग यहां जा सकेंगे। इसके अलावा जिम और सिनेमाघर भी 100 प्रतिशत क्षमता से खुलेंगे। इन्हें अब तक 50 प्रतिशत क्षमता से खोलने की छूट दी गई थी।
हॉस्टल में रहने वालों के लिए दोनों डोज जरूरी
बैठक में यह भी तय हुआ कि हॉस्टल में रहने वालों के लिए दोनों डोज अनिवार्य है। इसी तरह स्कूल और शिक्षण संस्थाओं में काम करने वाले लोगों को भी वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने होंगे। सिनेमा देखने जाने के लिए, राशन लेने के लिए भी वैक्सीन अनिवार्य होगी।
अब भी आ रहे कोरोना के नए मरीज
प्रदेश में हर दिन कोरोना के केस आ रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर की भी चिंता है। 15 नवंबर को 8 नए मरीज मिले थे, जबकि 16 नवंबर को 4 नए मरीज मिले हैं। भोपाल और इंदौर में 1-1 संक्रमित मिला है। इसके अलावा इंदौर से खबर है कि कोरोना संक्रमित एक वृद्ध की मौत हो गई है। प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या 77 है।
31 दिसंबर तक शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य
राज्य सरकार ने 31 दिसंबर 2021 तक फुल वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा है। जिन जिलों में वैक्सीन के दूसरे डोज में कमी देखी गई है, वहां गति बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने भिंड, खरगोन और सीधी जिलों की जानकारी ली, जहां 85 प्रतिशत से कम लोगों ने पहला डोज लगवाया है।
सरकार ने दी ये छूट
-सभी सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन पूर्ण क्षमता के साथ हो सकेंगे।
-चल समारोह निकल सकेंगे। विवाह एवं अंतिम संस्कार पूर्ण क्षमता पर हो सकेंगे।
-रात 11 से सुबह 6 बजे तक लागू नाइट कफ्र्यू अब नहीं लगेगा।
-सिनेमा हॉल, मॉल, स्विमिंग पूल, जिम, योगा सेंटर, रेस्टोरेंट, क्लब आदि 100 प्रतिशत क्षमता पर खुल सकेंगे।
-स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, कोचिंग क्लासेज पूर्ण क्षमता पर संचालित होंगे।
-मेलों में दुकानदार सभी मेले में दुकान लगा सकेंगे, जिनको वैक्सीन की दोनों डोज लगी हों।
-हॉस्टल में 18 वर्ष के ऊपर के छात्र/छात्राओं तथा समस्त स्टाफ को दोनों डोज लगाना आवश्यक है।
-सिनेमा हॉल में स्टाफ को दोनों डोज और दर्शकों को कम से कम एक डोज लगी हो।
-मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी।
सरकार ने जनता को अब भगवान भरोसे छोड़ दिया: कमलनाथ
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान सरकार के कोरोना संबंधी पाबंदियों को हटाने के फैसले पर सवाल उठाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। सरकार ने जनता को अब भगवान भरोसे छोड़ दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को एकदम से तमाम प्रतिबंध हटाने के बजाय धीरे-धीरे, चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों में छूट देनी चाहिए थी। क्या सरकार ने इस निर्णय को लेने से पहले कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने की संपूर्ण व्यवस्था कर ली है? सरकार के इस निर्णय के बाद यदि संक्रमण बढ़ता है, जनहानि होती है तो क्या राज्य सरकार उसकी जिम्मेदारी लेगी?
भाजपा के लिए तो प्रतिबंध थे भी नहीं
कमलनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी से जुड़े प्रतिबंध हटाने का कोई औचित्य नहीं है। भाजपा के लिए तो यह प्रतिबंध कोई मायने रखते ही नहीं थे। अब भाजपा ने पिछले दिनों जंबूरी मैदान के मेगा आयोजन के बाद मध्यप्रदेश की आम जनता के लिए तमाम प्रतिबंध हटा लिए हैं। ऐसा लग रहा है कि शिवराज सरकार ने जल्दबाजी में यह निर्णय लिया है।
तीसरी लहर की आशंका के बीच निर्णय
कमलनाथ ने कहा कि ऐसे समय जब देश में 1,28,455 एक्टिव केस हैं। पिछले 24 घंटे में देश में 10 हजार से अधिक केस सामने आए हैं। तीसरी लहर को लेकर दुनियाभर में आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अभी तक वैक्सीन लगी नही हैं। कई पात्र लोगों का अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। तब यह निर्णय लिया गया है।