रतलाम: मध्यप्रदेश के रतलाम शहर का एक सरकारी स्कूल, 'सीएम राइज विनोबा स्कूल', 'वर्ल्ड बेस्ट स्कूल' पुरस्कार 2024 के लिए फाइनल में पहुँच गया है। इस स्कूल ने 'नवाचार' श्रेणी में अपनी जगह बनाई है। लंदन की संस्था 'टी4 एजुकेशन' द्वारा दिए जाने वाले इस पुरस्कार के लिए दुनिया भर के स्कूलों ने आवेदन किया था।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने जताई खुशी
मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने इस उपलब्धि के लिए स्कूल को बधाई देते हुए कहा कि यह स्कूल मध्य प्रदेश सरकार की दूरदृष्टि का प्रतीक है। उन्होंने कहा, 'हमारे स्कूलों को वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र के रूप में बदलना' हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इस पहल का मकसद ऐसे स्कूल बनाना है जो नए तरीकों और समुदाय की भागीदारी से अच्छी शिक्षा प्रदान करें। सिंह ने कहा कि बच्चों को 21वीं सदी के हिसाब से तैयार करना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि रतलाम के इस स्कूल की उपलब्धि शिक्षकों, छात्रों और समुदाय की कड़ी मेहनत का नतीजा है।
अमेरिका-ब्रिटेन जैसे देशों के स्कूल भी शामिल
मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कश्यप ने भी स्कूल का दौरा किया और शिक्षकों और छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्कूल ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इस श्रेणी में अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन, ब्राजील, केन्या और थाईलैंड जैसे देशों के स्कूल भी शामिल थे।
दिल्ली का स्कूल भी इस दौड़ में
दिल्ली का रेयान इंटरनेशनल स्कूल भी इस पुरस्कार की दौड़ में शामिल है। इस स्कूल ने 'हाइड्रोपोनिक्स' और 'बायोगैस' जैसे नए तरीकों से पानी की कमी और प्रदूषण से निपटने के लिए यह पुरस्कार के लिए नामांकन किया है।
किन स्कूलों को मिलता है अवार्ड
यह पुरस्कार उन स्कूलों को दिया जाता है जिनके शिक्षकों और प्रधानाचार्यों ने बच्चों की शिक्षा में सुधार के लिए बेहतरीन काम किया हो। इन स्कूलों का मूल्यांकन तीन चरणों में होता है। इस प्रक्रिया में एक समीक्षा पैनल, विशेषज्ञों और जूरी अकादमी शामिल होती है।
1991 में बने इस स्कूल की खासियत
रतलाम का सीएम राइज विनोबा स्कूल 2024 में नवाचार के लिए 10 हजार पौंड का पुरस्कार जीतने की दौड़ में शामिल है। 1991 में स्थापित यह स्कूल रतलाम के अंबेडकर नगर की एक बस्ती में स्थित है। शुरुआत में इस स्कूल में बच्चों की संख्या कम थी और स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या भी कम थी। स्कूल ने कई नए तरीके अपनाए हैं। शिक्षक ऑनलाइन सामग्री का उपयोग करके खुद को बेहतर बनाते हैं और कक्षाओं में उसका उपयोग करते हैं। शिक्षक अभिभावकों से ऑनलाइन जुड़ते हैं और कक्षा में बच्चों की उपस्थिति के लिए 'गूगल फॉर्म' का उपयोग करते हैं।