अकॉर्डियन की परंपरा को लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने जिंदा रखा, जब उन्होंने 'बॉबी' के लिए संगीत की बागडोर संभाली। यह उनकी ओर से अपने गुरु शंकर जयकिशन को एक श्रद्धांजलि भी थी। उन्होंने इस गाने में प्रमुख रूप से अकॉर्डियन का उपयोग किया और गाने में बास की बांसुरी की धुन को भी जोड़ा।