नई दिल्ली । नीति आयोग ने “डिजिटल बैंकः भारत में लाइसेंसिंग और नियामकीय व्यवस्था के लिए एक प्रस्ताव” शीर्षक वाला एक चर्चा पत्र जारी करके 31.12.2021 पर टिप्पणियां मांगी हैं। नीति आयोग की वेबसाइट पर चर्चा पत्र देखा जा सकता है।
नीति आयोग ने वित्त, प्रौद्योगिकी और विधि क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों के साथ परामर्श और अंतर मंत्रालयी परामर्शों के आधार पर चर्चा पत्र तैयार किया है। भारत ने पीएमजेडीवाई और इंडिया स्टैक द्वारा आगे बढ़ाए गए वित्तीय समावेशन को संभव बनाने की दिशा में तेजी से प्रयास किए हैं।
हालांकि कर्ज की पहुंच विशेष रूप से देश के 6.3 करोड़ एमएसएमई के लिए एक सार्वजनिक नीतिगत चुनौती बनी हुई है, जो सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत, विनिर्माण उत्पादन में लगभग 45 प्रतिशत, निर्यात में 40 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान करते हैं, वहीं आबादी के बड़े हिस्से के लिए रोजगार सृजन करते हैं जो संख्या के लिहाज से कृषि क्षेत्र (1) के बाद आता है। यह एमएसएमई क्षेत्र के विस्तार के लिए अनुकूल कारोबारी माहौल के विकास में एक बाधा है।
पिछले कुछ साल में, तकनीक आधारित डिजिटलीकरण और जन धन-आधार-मोबाइल (जेएएम), बायोमीट्रिक आधार सिस्टम आदि के द्वारा डिजिटल बदलाव की शुरुआत के साथ वित्तीय समावेशन भारत के नागरिकों के लिए एक व्यवहार्य वास्तविकता बन गया है।