भोपाल । हाई स्कूल शिक्षक भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) आरक्षण 14 प्रतिशत ही रहेगा। यह कहना है मध्यप्रदेश हाई कोर्ट का। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल व जस्टिस सुनीता यादव की युगलपीठ ने इस अंतरिम आदेश के साथ ही राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। इस मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दलील दी कि याचिकाकर्ता सामान्य वर्ग से आता है। उसने शिक्षक भर्ती परीक्षा दी थी।
उसे प्रतीक्षा सूची में स्थान मिला लेकिन ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत दे दिए जाने से उसकी प्रतीक्षा सूची परिपक्व नहीं हो पा रही है। इस वजह से उसका हक मारे जाने की आशंका पैदा हो गई है। लिहाजा, संविधान के अनुच्छेद 14 सहित अन्य प्रविधानों की रोशनी में हाई कोर्ट की शरण ले ली गई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत किसी भी सूरत में आरक्षण का प्रतिशत 50 से अधिक नहीं हो सकता।
लेकिन 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण दिए जाने से एससी-एसटी व ओबीसी आरक्षण का कुल प्रतिशत 50 से ऊपर 63 पर पहुंच रहा है। यही नहीं 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण को मिलाने पर कुल आरक्षण 73 प्रतिशत तक पहुंच रहा है। इससे सामान्य वर्ग को भारी नुकसान होगा। मामले में याचिकाकर्ता प्रयागराज निवासी सुनील तिवारी की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा।