नई दिल्ली । कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन महज नौ दिन के अंदर 30 देशों में फैल चुका है। दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुआ यह वेरिएंट अब भारत तक पहुंच चुका है। यही नहीं, इस वेरिएंट का फैलाव डेल्टा वेरिएंट से कई गुना ज्यादा है। डेल्टा वेरिएंट की वजह से भारत में दूसरी लहर आई थी। आइए जानते हैं कि ओमिक्रॉन ने अब तक किन देशों में दी दस्तक और यह डेल्टा से कितना खतरनाक हैं।
कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन महज नौ दिन के अंदर 30 देशों में फैल चुका है। दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुआ यह वेरिएंट अब भारत तक पहुंच चुका है। यही नहीं, इस वेरिएंट का फैलाव डेल्टा वेरिएंट से कई गुना ज्यादा है। डेल्टा वेरिएंट की वजह से भारत में दूसरी लहर आई थी। आइए जानते हैं कि ओमिक्रॉन ने अब तक किन देशों में दी दस्तक और यह डेल्टा से कितना खतरनाक हैं।
- डेल्टा वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में कुल 18 म्यूटेशन हुए थे। स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही वायरस शरीर में प्रवेश करता है
- जबकि डेल्टा वेरिएंट में महज 2 ही म्यूटेशन हुआ था। रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन वायरस का वह हिस्सा है जो इंसान के शरीर के सेल से सबसे पहले संपर्क में आता है
- ओमिक्रॉन की आर वैल्यू डेल्टा से करीब छह गुना अधिक है, जिसका मतलब है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज 35-45 लोगों में संक्रमण फैलाएगा
- डेल्टा वेरिएंट की आर वैल्यू 6-7 थी। इसका मतलब ये है कि डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति इस वायरस को 6-7 व्यक्तियों में फैला सकता है
- ओमिक्रॉन वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक म्यूटेशन की वजह से इस पर मौजूदा वैक्सीनों के बहुत कम प्रभावी रहने की आशंका है
- डेल्टा वेरिएंट पर कोविशील्ड वैक्सीन काफी प्रभावी रही थी। वैक्सीन की एफिकेसी (प्रभावकारिता) 63 फीसदी रही थी