राज्यसभा में जया बच्चन ने सभापति के उनका नाम बोलने के अंदाज पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा आपका टोन गलत है। जया बच्चन ने कहा- मैं कलाकार हूं। बॉडी लैंग्वेज समझती हूं। एक्सप्रेशन समझती हूं। मुझे माफ कीजिए, लेकिन आपके बोलने का लहजा एक्सेप्टेबल नहीं है।
सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- आप अपनी सीट पर बैठ जाइए। आपने बहुत नाम कमाया है। आप जानती हैं कि एक्टर को डायरेक्टर कंट्रोल करता है। आपने वह नहीं देखा जो मैं यहां से हर रोज देखता हूं। आप सेलिब्रिटी क्यों ना हों आपको डेकोरम मेंटेन करना होगा।
इसके बाद राज्यसभा में हंगामा हुआ और विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। साथ ही विपक्षी सांसदों ने दादागिरी नहीं चलेगी के नारे लगाए। सभापति जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि आप मेरी टोन पर सवाल उठा रही हैं। इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा। आप सेलिब्रिटी हैं। सीनियर मेंबर चेयर को नीचा दिखा रही हैं।
जया के नाम पर सबसे पहला विवाद 29 जुलाई को हुआ था। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सदन में जया बच्चन को ‘श्रीमती जया अमिताभ बच्चन जी’ नाम से संबोधित किया था। इस पर जया उपसभापति पर भड़क गईं। बोलीं- सर, सिर्फ जया बच्चन बोलते तो काफी था।
इस पर उपसभापति ने उन्हें जवाब भी दिया कि यहां पूरा नाम लिखा था इसलिए मैंने रिपीट किया। उन्हें जवाब देते हुए जया बोलीं- ये जो है कुछ नया शुरू हुआ है कि महिलाएं जो हैं वो अपने पति के नाम से जानी जाएं। उनका कोई अस्तित्व ही नहीं हैं। उनकी कोई उपलब्धि नहीं है अपने में।
5 अगस्त: धनखड़ बोले- आपत्ति है तो नाम बदलवा लीजिए, जया बोलीं- मुझे पति पर गर्व
नाम को लेकर दूसरा विवाद 5 अगस्त को हुआ था। प्रश्नकाल के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- सप्लीमेंट्री नंबर 4, श्रीमती जया अमिताभ बच्चन… तब जया अपनी सीट से उठीं और बोलीं- सर, आपको अमिताभ का मतलब पता है न? मुझे अपनी शादी और अपने पति की उपलब्धियों पर गर्व है।
सभापति ने उन्हें टोकते हुए कहा- माननीय सदस्यगण, जो नाम इलेक्शन सर्टिफिकेट में आता है और जो यहां जमा किया जाता है, उसके अंदर बदलाव की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया का लाभ मैंने खुद उठाया था 1989 में। वो बदलाव की प्रक्रिया हमने हर सदस्य को बताई है।
इस पर जया बच्चन बोलती हैं... नहीं सर, मुझे अपने नाम और अपने पति, दोनों पर बहुत गर्व है। मुझे अपने पति की उपलब्धियों पर भी काफी गर्व है। उनके नाम का मतलब है, ऐसी आभा जो मिट नहीं सकती। मैं बहुत खुश हूं।
इस पर धनखड़ ने उन्हें सीट पर बैठने को कहा तो जया बोलीं- यह ड्रामा आप लोगों ने नया शुरू किया है, पहले नहीं था... मेरा मुंह मत खुलवाइए।
लोकसभा में पेश किया गया बैंकिंग संशोधन बिल
केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) बिल, 2024 पेश किया। इस बिल की घोषणा वित्त मंत्री ने 2024-25 के बजट भाषण में की थी।
इसके अलावा बैकिंग कम्पनीज (एक्यूजिशन एंड ट्रांसफर ऑफ अंडरटेकिंग) एक्ट 1970 और बैकिंग कम्पनीज (एक्यूजिशन एंड ट्रांसफर ऑफ अंडरटेकिंग) 1980 से जुड़े संशोधन बिल को भी सदन में रखा जाएगा।