भोपाल : ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक विभाग, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया ने भोपाल सहोदय कॉम्प्लेक्स के साथ मिलकर भोपाल और आस-पास के जिलों के फाउंडेशनल और प्रिपरेटरी स्तर के शिक्षकों के लिए एक प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया। इस वर्कशॉप की थीम "एंगेज, एक्सप्लोर, एम्पावर" थी जिसका उद्देश्य प्राथमिक (3-5 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों) की मूलभूत शिक्षा के लिये शिक्षकों को गतिशील, विद्यार्थियों पर फोकस करने वाला पढ़ाई का माहौल बनाने के लिए प्रशिक्षित करना था, जो संपूर्ण विकास, नवाचार और जिज्ञास को प्रोत्साहित करे, ताकि 21वीं सदी में सफलता की नींव रखी जा सके।
इस कार्यशाला का संचालन अकादमिक सलाहकार और पेशेवर प्रशिक्षक डॉ. गुरजीत कौर भाटिया ने किया और इसकी अध्यक्षता भोपाल सहोदय कॉम्प्लेक्स के अध्यक्ष फादर सेबी एडट्टुकरन सीएमआई ने की। प्रशिक्षण कार्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के लक्ष्यों और प्राथमिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (नेशनल कैरिकुलम फ्रेमवर्क 2023) के अनुसार डिजाइन किया गया था, ताकि शिक्षकों को बच्चों की उम्र, रुचियों और सीखने की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षण प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। इसमें इंटरैक्टिव सत्र, व्यावहारिक गतिविधियां और प्रारंभिक चरण के शिक्षकों के साथ आपसी चर्चाएं शामिल थीं।
डॉ. गुरजीत कौर भाटिया ने प्राथमिक शिक्षकों को जीवंत, छात्र-केंद्रित शिक्षण वातावरण तैयार करने के लिए उपकरणों से लैस करने के महत्व को रेखांकित किया जो समग्र विकास को बढ़ावा देते हैं और पूछताछ-आधारित नवाचार को प्रेरित करते हैं। शिक्षकों को शुरुआती चरण की शिक्षा के लिए तैयार की गई नई शैक्षणिक तकनीकों से परिचित कराया गया। इसमें कौशल-आधारित शिक्षा, STEAM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला और गणित) गतिविधियां और पूछताछ-आधारित निर्देश शामिल हैं। शिक्षकों ने छोटी उम्र से ही छात्रों में जिज्ञासा और आलोचनात्मक सोच को पोषित करने के तरीकों की पहचान की और उन्हें सीखने के अगले चरणों के लिए तैयार किया। ये खास कार्यक्रम प्राथमिक शिक्षा के लिए एनसीएफ 2023 के कौशल-आधारित ढांचे में शामिल हैं। ये कार्यक्रम शिक्षकों को तकनीक का उपयोग करने, सीखने के तरीके को जरूरत के मुताबिक बनाने और उनके पेशेवर विकास को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाते हैं और छात्रों के लिए शैक्षिक यात्रा को समृद्ध करते हैं।
फादर सेबी एडाट्टुकरन सीएमआई ने कहा, "सहोदय समूह का लक्ष्य नियमित प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से सदस्य विद्यालयों, उनके प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को सशक्त बनाना है, जिससे उन्हें 21वीं सदी के शिक्षण और सीखने के लिए आवश्यक कौशल हासिल करने में मदद मिले। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के सहयोग से आज की कार्यशाला ने भोपाल के शिक्षकों को सक्रिय, आकर्षक और समावेशी कक्षाएं बनाने की नई रणनीतियां सीखने में मदद की, जो आधारभूत और प्रारंभिक चरणों में तरह-तरह की शिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। अपने शिक्षण अभ्यासों में अनुभवात्मक शिक्षण, खेल-आधारित गतिविधियों और बहु-विषयक दृष्टिकोणों को एकीकृत करने से शिक्षकों को युवा शिक्षार्थियों में समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।"
बुनियादी शिक्षण और प्रशिक्षण में अग्रणी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (OUP) के पास उच्च गुणवत्ता वाला प्रत्यक्ष और ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण प्रदान करने का एक प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड है। 2023 में, ओयूपी ने सीबीएसई के साथ सहयोग किया और शिक्षकों के लिए फाउंडेशनल स्टेज (एनसीएफ-एफएस) पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा को लागू करने के लिए एक शोध-आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम (सीबीपी) - टीएसएलपी (थिंक-शेयर-लर्न-प्रैक्टिस) को सावधानीपूर्वक डिज़ाइन किया।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (ओयूपी) शिक्षकों को प्राथमिक, सेकेंडरी और माध्यमिक स्तर पर पेशेवर विकास के अवसर प्रदान करता है। यह नए और विविध शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं और सामग्रियों को विकसित करता है, जिससे देश भर में शिक्षकों के बीच व्यापक पहुंच को बढ़ावा मिलता है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के पास शुरुआती 3-6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की मूलभूत शिक्षा के लिये शिक्षार्थियों के लिए उत्पादों की एक मजबूत श्रृंखला है जैसे कि माई लर्निंग ट्रेन एक्सप्रेस, वंडर बॉक्स और पेंसिल। ये खास उत्पाद प्राथमिक शिक्षकों को कम उम्र से ही छात्रों में जिज्ञासा और आलोचनात्मक सोच को पोषित करने के लिए गतिविधि-आधारित शिक्षण को लागू करने में सहायता देते हैं, जिससे उन्हें सीखने के अगले चरणों के लिए तैयार किया जा सके।
भाग लेने वाले शिक्षकों ने आकर्षक और गतिविधि-आधारित शिक्षण कार्यक्रमों और एनईपी 2020 और एनसीएफ 2023 को अपनी कक्षाओं में लागू करने के लिए प्राप्त बहुमूल्य जानकारी के लिए कार्यशाला की सराहना की, जिससे छात्रों को सफलता के लिए तैयार किया जा सके।