नई दिल्ली। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन वायरस के संक्रमण के बीच ताजा एक सर्वे के मुताबिक, अधिकतर माता-पिता चाहते हैं कि स्थानीय अधिकारी केवल तभी स्कूल बंद करें जब उनके जिले में या उनके आसपास के 25 किलोमीटर के क्षेत्र में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन से संक्रमण के कई मामले पाए जाएं। कोविड-19 के नए स्वरूप और इसके मामलों में तेज वृद्धि को लेकर उपजी चिंताओं के बीच यह सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 10 हजार से अधिक अभिभावकों ने जवाब दिए। सर्वेक्षण में देश के 332 से अधिक जिलों के लोग शामिल हुए, जिनमें 61 प्रतिशत पुरुष और 39 प्रतिशत महिलाएं थीं।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘लोकल सर्कल्स’ द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, ‘अधिकांश माता-पिता ने अपने जिले में या आस-पास के जिलों (25 किलोमीटर के दायरे में) में ओमिक्रॉन के कई मामले होने पर स्कूलों को बंद करने की बात कही। जबकि 12 प्रतिशत ने कहा कि अगर उनके जिले या आसपास के जिलों में ओमिक्रॉन का एक भी मामला है, तो स्कूल बंद कर दिए जाने चाहिए।’ पैंतालिस (45) प्रतिशत उत्तरदाता टियर-1 जिलों से, 31 प्रतिशत टियर-2 जिलों से और 24 प्रतिशत टियर-3, टियर-4 और ग्रामीण जिलों से थे। सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘अधिकांश कक्षाओं में सीमित बाहरी वायुसंचार व वायु शोधक तक पहुंच नहीं होने और ओमिक्रॉन की संक्रमण क्षमता उच्च होने के कारण कई माता-पिता को इस बात की चिंता है कि एक बार उनके जिले में सामुदायिक स्तर पर संक्रमण का प्रसार होने के बाद यह स्कूली बच्चों के बीच बहुत तेजी से फैल जाएगा।’
इस बीच इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि लोग अभी भी ओमिक्रॉन को महसूस नहीं कर रहे हैं। लोगों को तुरंत समझना चाहिए कि व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों से ही उन्हें लंबे समय तक मदद मिलेगी। उन्हें मास्क पहनने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के महत्व को समझना चाहिए। डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि मैं कुछ भी निष्कर्ष निकालने के लिए कम से कम दिसंबर के अंत तक इंतजार करना चाहता हूं। आमतौर पर, वेव का शुरुआती हिस्सा हल्का और कम गंभीर होता है। कारण यह है कि युवा सबसे पहले संक्रमित होते हैं। हालांकि, जैसे ही संक्रमण घर पहुंचता है और बुजुर्गों और कमजोर लोगों को संक्रमित करना शुरू कर देता है, ऐसे में यह लहर तेज हो जाती है।