मध्य प्रदेश में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस समेत अन्य अखिल भारतीय सेवा के अफसरों की पीएआर (परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट) अब सीनियर अफसरों को ऑटो फॉरवर्ड होगी। केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) ने इसको लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश के अफसरों को इसके बारे में जानकारी दे दी जाए ताकि अप्रेजल रिपोर्ट में टिप्पणी लिखने और ऑटो फॉरवर्ड होने की प्रक्रिया के चलते किसी की पीएआर प्रभावित नहीं होने पाए।
डीओपीटी ने इसके लिए टाइम लिमिट भी तय कर दी है कि अफसर की पहली रिपोर्ट अपलोड करने के बाद से लेकर सीनियर अफसर और मुख्य सचिव की टीप लगने तक में कितना समय लगेगा और कब पीएआर ऑटो फॉरवर्ड हो जाएगी।
2014-15 से शुरू हुई है व्यवस्था
डीओपीटी की ओर से मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि PAR (परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट) की इलेक्ट्रानिक रिकार्डिंग वर्ष 2014-15 से अनिवार्य की गई है। इसके लिए आल इंडिया सर्विसेस (PAR) संशोधन नियम 2017 में प्रावधान किया गया था। इसके बाद 23 जुलाई 2019 के माध्यम से फिर संशोधन किया गया जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ पीएआर को एक स्टेज से अगले स्टेज तक ऑटो-फॉरवर्ड करने की शुरुआत की गई। पीएआर की टाइम बाउंड रिकॉर्डिंग को प्रभावी बनाने के लिए स्पैरो में मूल्यांकन वर्ष 2019-20 से एक तय तारीख के बाद पीएआर को एक स्टेज से अगले स्टेज तक ऑटोमैटिकली फाॅरवर्ड करने की व्यवस्था शुरू की गई है।
ऐसे चला बदलाव का सिलसिला
डीओपीटी ने कहा है कि मई 2022 और अप्रेल 2023 में राज्य सरकार को विभागीय पत्र के माध्यम से बताया गया है कि वर्ष 2021-22 और उसके बाद के मूल्यांकन वर्ष के लिए पीएआर के संबंध में ऑटो फॉरवर्डिंग प्रावधान लागू किया जाएगा। अब 2023-24 के लिए जो पीएआर पेश किए जाएंगे उसके लिए टाइम लिमिट के साथ ऑटो फाॅरवर्डिंग तय कर दी गई है।
फिजिकली जारी होने पर टीप दर्ज होने की डेट होती है काउंट
बताया गया कि एक बार जब पीएआर 31 दिसंबर की आधी रात को बंद हो जाता है तो ऑनलाइन डोजियर में आटो फाॅरवर्ड हो जाता है और इसे डीम्ड प्रजेंटेशन माना जाता है। ऐसे मामलों में जहां पीएआर 31 दिसंबर की आधी रात तक सिस्टम पर अपलोड नहीं किया जा सका और फिजिकल प्रस्तुत किया गया है, इस स्थिति में पीएआर पर टीप दर्ज होने के दिनों की संख्या उस तारीख से गिनी जाती है जिस दिन पीएआर फिजिकली जारी किया गया है।