PM मोदी ने 28 मई को एक चैनल को दिए इंटरव्यू में यह दावा किया कि महात्मा गांधी के बारे में दुनिया पहले कुछ नहीं जानती थी। रिचर्ड एटनबरो की 1982 की फिल्म गांधी बनने के बाद महात्मा गांधी को पहचान मिली। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग नाथूराम गोडसे के हिंसा के रास्ते पर चलते हैं, वे गांधी को नहीं समझ सकते। महात्मा गांधी को किसी ‘शाखा शिक्षित’ के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।
PM मोदी के महात्मा गांधी की पहचान पर किए दावे के बाद राहुल गांधी ने X पर एक वीडियो पोस्ट किया है। राहुल, गांधी की एक मूर्ति के पास खड़े हैं और कह रहे हैं कि जो लोग नाथूराम गोडसे के हिंसा के रास्ते पर चलते हैं, वे गांधी को नहीं समझ सकते।
राहुल ने वीडियो के साथ लिखा- सत्य और अहिंसा के रूप में बापू ने दुनिया को ऐसा मार्ग दिखाया, जो कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी अन्याय के खिलाफ खड़े होने का साहस देता है। उन्हें किसी ‘शाखा शिक्षित’ के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।
वीडियो में राहुल कह रहे हैं, 'शाखाओं में जिनकी वर्ल्ड व्यू बनती है, वो गांधी जी को नहीं समझ सकते हैं। ऐसे लोग गोडसे को समझते हैं। गोडसे के रास्ते को अपनाते हैं। गांधी जी पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा थे। मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला, अल्बर्ट आइंस्टीन ये सब लोग महात्मा गांधी से प्रेरित होते हैं।
हिंदुस्तान में करोड़ों लोग महात्मा गांधी का रास्ता अपनाकर सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलते हैं। यह लड़ाई सत्य और असत्य पर है, हिंसा और अहिंसा पर है, हिंसा करने वाले लोग सत्य को नहीं समझ सकते हैं।'
पीएम मोदी ने कहा था- महात्मा, मार्टिन-मंडेला से कम नहीं थे
PM मोदी ने न्यूज चैनल एबीपी को दिए इंटरव्यू के दौरान दावा किया था- महात्मा गांधी दुनिया की एक महान आत्मा थे। पिछले 75 साल में क्या महात्मा गांधी के बारे में दुनिया को बताना हमारी जिम्मेदारी नहीं थी। कोई भी उनके बारे में नहीं जानता था। मुझे माफ करें, लेकिन दुनिया में पहली बार उनके बारे में जिज्ञासा तब बढ़ी, जब फिल्म गांधी बनी। हमने ऐसा नहीं किया।’
उन्होंने कहा- अगर दुनिया मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला को जानती है, तो गांधी उनसे कम नहीं थे और आपको यह स्वीकार करना होगा। मैं दुनियाभर की यात्रा करने के बाद यह कह रहा हूं।’