लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चल रहे 56वीं ऑल इंडिया डीजी-आईजीपी कांफ्रेंस में शामिल होने लखनऊ आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस कांफ्रेंस में शामिल न होने की अपील की है। प्रिंयका गांधी ने लखीमपुर खीरी मामले को उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को इस कांफ्रेंस में आरोपी गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के साथ मंच साझा करने की जगह उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव ने पीएम मोदी को इस बाबत लिखा पत्र ट्वीट करते हुए लिखा, पीएम मोदी जी लखनऊ आए हैं। मोदी जी की पुलिस अफसरों के साथ बैठक है। मैंने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है। लखीमपुर के अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता को देश ने देखा है। आपके मंत्री का ही बेटा इस मामले का मुख्य आरोपी है। राजनीति के दबाव में न्याय की आवाज़ दबाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर आरोपी को बचाने से जुड़ी टिप्पणी की है। आपने कहा कि आप किसानों के प्रति नेक नियति रखते है।
मोदी जी अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईये, उनको बर्खास्त कीजिए।’ प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा केंद्रीय राज्यमंत्री पद पर बने रहते हुए लखीमपुर के किसानों का न्याय नहीं मिलेगा। प्रधानमंत्री जी कल आपने किसान बिल वापिस लिया है। अगर आपकी नियत साफ है तो आप गृह राज्यमंत्री के साथ मंच साझा मत करिए। लखीमपुर के शहीद किसानों को न्याय मिलनी चाहिए।’
प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, आपको यह जानकारी भी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है। राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरुआत से ही न्याय की आवाज़ को दबाने की कोशिश की। माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस संदर्भ में कहा कि सरकार की मंशा देखकर लगता है कि सरकार किसी विशेष आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है।’
उन्होंने लिखा है, ‘मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजनों से मिली हूं। वे असहनीय पीड़ा में हैं। सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पद पर बने रहते हुए उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है।’ यदि आप इस कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी क़ातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं। यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा।’
वहीं अपने पत्र के आखिर में प्रियंका गांधी ने लिखा है, ‘अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नियत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईए, उनको बर्खास्त कीजिए। देश भर में किसानों पर हुए मुकदमों को वापस लीजिए और सभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान दीजिए।