फिरोजपुर । पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 जनवरी को फिरोजपुर जिले में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद पंजाब में पीएम मोदी की यह पहली रैली होगी। प्रधानमंत्री पंजाब के फिरोजपुर में स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमआर) के एक सेटेलाइट केंद्र का भी उद्घाटन करने वाले हैं।
कार्यक्रम के बाद उनके एक रैली को संबोधित करने की भी संभावना है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भी पीजीआईएमआर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है। पीएम मोदी की राजनीतिक रैली काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि उनके साथ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल-शिअद (संयुक्त) के नेता सुखदेव सिंह ढींडसा भी रैली में हिस्सा लेंगे।
पीएम मोदी द्वारा प्रस्तावित रैली पर प्रतिक्रिया देते हुए, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने कहा, "भाजपा जितनी चाहें उतनी बैठकें कर सकती है लेकिन वे एक भी निर्वाचन क्षेत्र नहीं जीत पाएंगे। गौरतलब है कि भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच 23 पुराना गठबंधन पिछले साल उस समय टूट गया जब शिरोमणि अकाली दल ने कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) छोड़ दिया। शिरोमणि अकाली दल ने कहा है कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं की जाती, वे प्रधानमंत्री को कोई रैलियां नहीं करने देंगे।
हाल ही में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पूर्व विधायक और सुखबीर सिंह बादल के करीबी जगदीप सिंह नकाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए हैं। गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को निरस्त कर दिया था। इन विधेयकों को 2020 में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान वापस लिया गया था। जिसके बाद करीब एक साल से तीन कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 9 दिसंबर को अपना आंदोलन स्थगित कर दिया और अपने घरों को लौट गए।
पंजाब में विधानसभा चुनाव 2022 में होंगे। पंजाब भाजपा प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी, शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) और अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस ने सीट बंटवारे पर फैसला करने के लिए छह सदस्यीय समिति बनाई है।
2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 10 साल बाद शिअद-भाजपा सरकार को बाहर कर दिया। आम आदमी पार्टी 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 20 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। शिरोमणि अकाली दल केवल 15 सीटें जीतने में सफल रहा, जबकि भाजपा को 3 सीटें मिलीं।