नई दिल्ली । कांग्रेस पार्टी ने फ्रांस के साथ राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग को दोहराया है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर ही रक्षा घोटाले में सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया है।
मंगलवार को पवन खेड़ा ने फ्रांसीसी पोर्टल मीडियापार्ट का हवाला दिया, जिसने यह खुलासा किया है कि कैसे बिचौलिए सुशेन मोहन गुप्ता ने 2015 में रक्षा मंत्रालय से भारतीय वार्ता दल (आईएनटी) से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों को हासिल किया फिर डसॉल्ट एविएशन (राफेल) को स्पष्ट लाभ देते हुए विमान की कीमत तय की।
उन्होंने आरोप लगाया कि "ऑपरेशन कवर-अप" में नवीनतम खुलासे से राफेल भ्रष्टाचार को दबाने के लिए मोदी सरकार-सीबीआई-ईडी के बीच संदिग्ध सांठगांठ का पता चलता है। मीडियापार्ट ने अपने ताजा खुलासे में कथित फर्जी चालानों का इस्तेमाल किया।
जिससे फ्रांसीसी विमान निर्माता डसॉल्ट एविएशन ने भारत के साथ राफेल सौदे को सुरक्षित करने में मदद करने के लिए एक बिचौलिए को गुप्त कमीशन में कम से कम 7.5 मिलियन यूरो का भुगतान किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2007 और 2012 के बीच कमीशन का भुगतान किया गया था। उस वक्त केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पवन खेरा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं ने राफेल सौदे में "घोटाले" के मुद्दे पर बात की है और तब से कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए तथ्य यह साबित करते हैं कि करोड़ों रुपये के राफेल सौदे में भ्रष्टाचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दरवाजे तक पहुंचा। उन्होंने आरोप लगाया, ''भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखकर भारतीय वायु सेना के हितों को खतरे में डाला और नुकसान पहुंचाया। देश के खजाने में से हजारों करोड़ रुपये डकार लिए गए।