नई दिल्ली । पंजाब में बुधवार को रैली में जाने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच इस पूरे घटनाक्रम के जानकार केंद्र सरकार के अफसरों ने गुरुवार को दावा किया है कि पंजाब सरकार का यह कहना गलत है कि सड़क मार्ग से जाने का प्लान आखिरी समय में लिया गया फैसला था। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के सड़क के रास्ते बठिंडा से फिरोजपुर जाने के प्लान को लेकर पहले ही पंजाब के अफसरों से चर्चा की गई थी।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने बताया है कि पंजाब पुलिस के साथ एडवांस सेक्योरिटी लायसन (एएसएल) की बैठक के दौरान 1 और 2 जनवरी को एक आकस्मिक योजना के रूप में सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया गया था और मंगलवार को इसके लिए एक पूर्वाभ्यास भी किया गया था। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के सड़क के रास्ते जाने के प्लान को पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने मंजूरी दे दी थी। एएसएल में एक अधिकारी ने कहा कि पीएम के किसी भी दौरे से पहले की अनिवार्य रूप से पूरी जांच होती है। मार्ग सर्वेक्षण और कमजोर बिंदुओं सहित सभी चीजों पर विस्तार से चर्चा की गई थी, जिन्हें पुलिस तैनाती के साथ सुरक्षित किया जाना था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने नाम न छापने पर कहा, ‘खुफिया सूचनाओं के संदर्भ में एएसएल रिपोर्ट में मजबूत पुलिस तैनाती पर जोर दिया गया था। दरअसल ऐसी बैठकों के बाद एक विस्तृत एएसएल रिपोर्ट तैयार की जाती है जिसे संबंधित एजेंसियों या पुलिस के साथ साझा किया जाता है। यहां तक कि बठिंडा से फिरोजपुर तक की सड़क यात्रा के लिए आकस्मिक पूर्वाभ्यास भी 4 जनवरी को किया गया था।’ अफसर की ओर से दी गई इस जानकारी से पंजाब सरकार के इस बयान का खंडन होता है कि पीएम मोदी को आखिरी समय पर हेलीकॉप्टर से न ले जाकर सड़क मार्ग से ले जाया जा रहा था और व्यवस्थित कम्युनिकेशन भी नहीं किया गया था। बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा था कि उन्हें इस बारे में कोई सूचना नहीं थी कि प्रधानमंत्री सड़क के रास्ते जाएंगे।
एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि बुधवार को बठिंडा से एक हेलीकॉप्टर के जरिये प्रधानमंत्री को भेजे जाने की मनाही हो चुकी थी। स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स (एसपीजी) के निदेशक अरुण कुमार सिन्हा ने पंजाब के डीजीपी के साथ पीएम मोदी की सुरक्षित सड़क यात्रा और रूट की संभावना पर चर्चा की थी। डीजीपी से सड़क यात्रा के लिए मंजूरी मिलने के बाद इसकी योजना बनाई गई थी। बठिंडा के एसएसपी ने बठिंडा से फिरोजपुर सीमा तक काफिले की अगुवाई (पायलटिंग) की थी।