पूर्व ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर ने अपनी उम्मीदवारी रद्द करने के संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के फैसले को चुनौती दी है। पूजा ने सोमवार (5 अगस्त) को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। बुधवार (7 अगस्त) को इस पर सुनवाई होगी।
UPSC ने 31 जुलाई को पूजा खेडकर का सिलेक्शन रद्द किया था। पूजा पर उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने का आरोप था।
UPSC ने दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को दोषी पाया। सिलेक्शन रद्द होने के बाद पूजा का पद छिन गया। उन पर भविष्य में UPSC का कोई एग्जाम देने पर रोक है। पूजा 2023 बैच की ट्रेनी IAS थीं। उन्हें सीएसई-2022 में 841वीं रैंक मिली थी। वे जून 2024 से ट्रेनिंग कर रही थीं।
UPSC ने बताया- पूजा को 2 बार समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया
पूजा ने रूल्स तोड़े: UPSC ने 31 जुलाई को बयान जारी कर बताया कि पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के लिए 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था। इसमें कहा गया है कि पूजा को 25 जुलाई तक अपना जवाब देना था, लेकिन उन्होंने अपने जवाब के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाने के लिए 4 अगस्त तक का समय मांगा। आयोग ने कहा, उन्हें फिर 30 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे तक समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
15,000 डेटा की जांच की, यह पता नहीं चला कि पूजा ने कितने अटेम्प्ट्स दिए: खेडकर के केस के चलते UPSC ने 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक रिकमेंड किए गए उम्मीदवारों के डेटा की जांच की। इसमें पाया गया कि उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने CSE नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं दिए थे। मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर का मामला एकमात्र था। उन्होंने कई बार न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदलकर परीक्षा दी थी, इसलिए UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) उनके अटेम्प्ट्स की संख्या का पता नहीं लगा सकी। UPSC अपनी SOP को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।
पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी
UPSC की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज किया था। पूजा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा आरोपी पूजा खेडकर पर लगे आरोप गंभीर हैं। पूरी साजिश का खुलासा करने और इसमें अन्य लोगों के शामिल होने की पुष्टि के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है।