UPSC सिलेक्शन को लेकर विवादों में घिरीं ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर ने पुणे की एक कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है। जमीन विवाद में किसानों को धमकाने के मामले में पुलिस उनकी तलाश कर रही है। दिलीप फिलहाल फरार हैं।
इस मामले में दिलीप खेडकर की पत्नी मनोरमा गुरुवार (18 जुलाई) को गिरफ्तार हुई थीं। मनोरमा रायगढ़ जिले में एक लॉज में छिपी हुई थीं। उनके साथ एक लड़का भी था, जिसे उन्होंने अपना बेटा बताया था। पुणे की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मनोरमा को 20 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेजा है।
दिलीप-मनोरमा किसान को पिस्टल से धमकाने के मामले में आरोपी
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद 11 जुलाई को पूजा के पेरेंट्स सहित 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस वीडियो में पूजा की मां मनोरमा पिस्टल दिखाकर एक किसान को धमकाती दिखीं। पुलिस ने बताया कि ये वीडियो 4 जून, 2023 का है।
पुणे की मुलशी तहसील के धडवाली गांव में कुछ जमीन को लेकर खेडकर परिवार का किसानों के साथ विवाद है। इसी विवाद को लेकर मनोरमा 65 साल के पंढरीनाथ पासलकर को पिस्टल से धमकी दे रही थीं, जिसका वीडियो अब सामने आया।
वीडियो वायरल होने के बाद किसान ने दिलीप खेडकर, उनकी पत्नी मनोरमा समेत 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करावाया। पुलिस ने आर्म्स एक्ट के अलावा IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 144 (घातक हथियारों से लैस गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज किया है।
किसान कुलदीप पासलकर ने आरोप लगाया कि खेडकर परिवार ने बाउंसर की मदद से उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की और धमकाया।
खेडकर परिवार का दावा- किसानों ने उनकी जमीन पर कब्जा किया
हालांकि, खेडकर परिवार का दावा है कि पुणे के मुलशी तहसील में उन्होंने 25 एकड़ जमीन खरीदी थी। इसके एक हिस्से पर किसानों ने कब्जा कर लिया था। इसके चलते मनोरमा अपने सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ वहां पहुंचीं और किसानों को पिस्तौल दिखाकर धमकाया। वायरल वीडियो में मनोरमा ने कहा कि जमीन उनके नाम पर है।
पूजा के पिता के खिलाफ ओपन इन्क्वायरी की मांग जमीन विवाद के अलावा पूजा के पिता और रिटायर्ड अधिकारी दिलीप खेडकर आय से अधिक संपत्ति मामले में घिरते जा रहे हैं। पुणे एंटी करप्शन ब्यूरो ने बुधवार (17 जुलाई) को बताया कि उन्हें दिलीप खेडकर के खिलाफ ओपन इन्क्वायरी की मांग करते हुए एक शिकायत मिली है।
इस मामले में पुणे ACB ने ACB हेडक्वार्टर से निर्देश मांगे हैं, क्योंकि दिलीप खेडकर के खिलाफ ACB के नासिक डिवीजन में आय से अधिक संपत्ति के मामले में पहले से ही जांच चल रही है।
2023 बैच की IAS अफसर पूजा खेडकर UPSC में विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कोटे से सिलेक्शन और पुणे कलेक्टर ऑफिस में नियुक्ति के दौरान अपने आचरण को लेकर जांच के दायरे में हैं।
विवाद के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार (16 जुलाई) को पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रोक दी है। उन्हें 23 जुलाई से पहले मसूरी स्थित सिविल सर्विस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट LBSNAA वापस बुला लिया गया है। जांच पूरी होने तक पूजा वहीं रहेंगी।
केंद्र सरकार की कमेटी ने पूजा के सर्टिफिकेट मंगवाए
केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की कमेटी ने भी पूजा के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कमेटी ने पूजा खेडकर के OBC नॉन क्रिमीलेयर और विकलांगता सर्टिफिकेट मंगवाए हैं।
अहमदनगर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और नासिक के डिविजनल कमिश्नर, दोनों सर्टिफेकेट और अपनी रिपोर्ट सौपेंगे। वहीं, पर्सनल ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाने समेत अन्य आरोपों को लेकर RTO और पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है।
पूजा ने पुणे कलेक्टर के खिलाफ हैरेसमेंट केस किया
पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा खेडकर के आचरण को लेकर सबसे पहले शिकायत की थी। इसके बाद पूजा का ट्रांसफर पुणे से वाशिम किया गया। पूजा ने 15 जुलाई को अपने वाशिम स्थित आवास पर पुलिस को बुलाया और सुहास दिवासे के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई।
डॉक्टर बोले- पूजा का सर्टिफिकेट फर्जी नहीं
पूजा ने कई बार UPSC के एग्जाम दिए हैं। इसके लिए उन्होंने अलग-अलग विकलांगता सर्टिफिकेट लगाए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदनगर जिला अस्पताल से भी पूजा को विकलांगता सर्टिफिकेट जारी किया गया है। अस्पताल के सिविल सर्जन ने पुष्टि की थी कि पूजा को जारी किया गया सर्टिफिकेट फर्जी नहीं है।
इस सर्टिफिकेट में पूजा की मानसिक बीमारी और दोनों आंखों में मायोपिक डिजनरेशन का जिक्र है। इसी सर्टिफिकेट की रिपोर्ट अहमदनगर जिला कलेक्टर को सौंपी गई है। वे इस रिपोर्ट को नासिक के डिविजनल कमिश्नकर को भेज रहे हैं।
पूजा के अन्य विकलांगता सर्टिफिकेट में 7% विकलांगता बताई गई
पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल से 24 अगस्त 2022 को जारी सर्टिफिकेट में उन्हें 7% विकलांग बताया गया था। UPSC के नियम के मुताबिक विकलांग कोटे से सिलेक्शन के लिए 40% डिसेबिलिटी होना जरूरी है।
YCM के डीन राजेंद्र वाबले ने 16 जुलाई को कहा- 7% का मतलब है कि शरीर में कोई बड़ी विकलांगता नहीं है। पूजा का मामला लोकोमोटर डिसेबिलिटी यानी चलने-फिरने में परेशानी से जुड़ा है। इस सर्टिफिकेट में पूजा ने अपना एड्रेस भी गलत बताया था।
पूजा पर नाम-उम्र से छेड़छाड़ का भी आरोप
पूजा की UPSC में गड़बड़ी के मामले में और भी खुलासे हुए हैं। सामने आया है कि पूजा ने UPSC के अटेम्प्ट बढ़ाने के लिए अपने नाम और उम्र में भी बदलाव किया था। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में पूजा की तरफ से लगाए गए 2020 और 2023 के दो आवेदनों में पूजा के अलग-अलग नाम हैं।
पूजा ने 2020 के आवेदन में अपना नाम 'खेडकर पूजा दिलीपराव' और उम्र 30 साल बताई थी। वहीं, 2023 में CAT के आवेदन में उन्होंने अपना नाम 'पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर' और उम्र 31 साल बताई। सवाल उठाया जा रहा है कि तीन साल के अंतराल में उनकी उम्र एक ही साल कैसे बढ़ सकती है।
दरअसल, UPSC में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल की उम्र तक 6 बार परीक्षा देने की अनुमति होती है। वहीं OBC कैटेगरी का अभ्यर्थी 35 साल तक 9 बार परीक्षा दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पूजा ने कुल 11 बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी हैं।