भोपाल । जिन किसानों का खाता आधार से लिंक होगा, सिर्फ उसी बैंक अकाउंट में सरकार धान खरीदी का भुगतान करेगी। इतना ही नहीं रबी सीजन की फसल के समय गेहूं खरीदी का भी भुगतान आधार लिंक बैंक अकाउंट में ही हो सकेगा। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू की जा रही है। यह निर्देश शुक्रवार को प्रमुख सचिव, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण फैज अहमद किदवई ने दिए।
दरअसल, प्रमुख सचिव
की अध्यक्षता में भोपाल संभाग की सार्वजनिक वितरण प्रणाली, धान मिलिंग एवं उपार्जन की समीक्षा बैठक संभागायुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई थी। इस बैठक में आयुक्त सह पंजीयक सहकारिता, प्रबंध संचालक, मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित, आयुक्त सह
प्रबंध संचालक मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड, संचालक,
किसान कल्याण एवं कृषि विकास, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अपेक्स बैंक, भोपाल संभाग
के सभी जिलों के कलेक्टर, भारतीय खाद्य
निगम नियंत्रक नापतौल भोपाल सहित संभाग के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में प्रमुख सचिव ने सभी सहकारी बैंक के प्रबंधक और खरीदी केंद्र के प्रबंधकों को निर्देश दिए कि जिन किसानों के खाते में आधार लिंक नहीं है, उन्हें तत्काल सूचना भेजकर आधार लिंक करा लें। सभी पंजीकृत किसानों के खाते से आधार लिंक होना आवश्यक है। भोपाल में करीब 25 किसानों का पंजीयन धान खरीदी के लिए हुआ है। वहीं सीहोर और रायसेन में पांच हजार मीट्रिक टन का खरीब फसलों का रकबा है। ऐसे में सभी किसानों के लिए कोआपरेटिव बैंक के प्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे व्यवस्था बनाएं।
लाल धान की खरीदी पर उठे सवाल
बैठक में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने सवाल किया कि कुछ शिकायतें आती है कि लाल धान है। इसे खरीदा जाना चाहिए या नही। इस पर प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति तरुण पिथोड़े ने स्पष्ट किया कि लाल धान के नाम पर कुछ भी नहीं खरीदा जा सकता है। मिलिंग के दौरान भी अगर लाल धान है तो यह नहीं खरीदना चाहिए। हम अच्छा अनाज खरीदेंगे, तभी तो
लोगों को अच्छा अनाज वितरित कर सकेंगे।
17 प्रतिशत से ज्यादा नमी धान में नहीं होना चाहिए। इसके लिए हर जिले में क्वालिटी कंट्रोलर अस्थाई तौर पर नियुक्ति किए जा सकते है। प्रमुख सचिव ने कहा कि वेयर हाउस में समान रूप से गेहूं वितरित किया जाए। ऐसा न हो कि कुछ वेयर हाउस पूरे भरे हैं, तो कुछ पूरी तरह से खाली है। प्रमुख सचिव ने तो यहां तक कहा कि जिन मंडी और उपार्जन केंद्रों में प्लेटफार्म बनाना प्रस्तावित है, वह काम 30 सितंबर तक अनिवार्य रूप से करा लें। वहीं 30 सितंबर तक सभी धान की मिलिंग कराकर पीडीस दुकानों में चावल की सप्लाई कर दी जाए।