भोपाल । विदिशा में धर्मांतरण का आरोप लगाकर हिंदू संगठनों ने मिशनरी स्कूल पर पथराव और तोडफ़ोड़ की। उन्होंने गंजबासौदा के सेंट जोसेफ स्कूल पर 8 बच्चों का धर्म बदलवाने का आरोप लगाया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को स्कूल पर हमला बोल दिया। इस दौरान 12वीं के स्टूडेंट एग्जाम दे रहे थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को हटाया। इस मामले में बलवा का केस दर्ज कर 5 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
इधर, स्कूल ने धर्म परिवर्तन की बात को सिरे से खारिज कर कलेक्टर से शिकायत की है। दरअसल, कथित धर्मांतरण के खिलाफ विहिप और बजरंग दल ने प्रदर्शन और घेराव का ऐलान किया था। पुलिस ने मामला मामूली समझा था, लेकिन प्रदर्शनकारी गेट और दीवार फांदकर स्कूल कैंपस में घुस गए। उन्होंने वहां रखी कुर्सी-गमले, वहां खड़ी कार और इमारत के शीशे तोड़ डाले। हंगामे के बीच स्कूल में बच्चों की परीक्षा चल रही थी।
जहां प्रदर्शन, वहां पहले सिर्फ 4 पुलिसकर्मी लगाए
हिंदू संगठनों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने विदिशा, गुलाबगंज, त्योंदा और नटेरन से फोर्स बुलाया था। शहर के अलग-अलग स्थानों पर उसकी तैनाती की गई। जहां प्रदर्शन हो रहा था, वहां सिर्फ चार पुलिसकर्मी लगाए गए थे, क्योंकि यह अंदाजा नहीं था कि प्रदर्शनकारी भड़क जाएंगे।
30 अक्टूबर को धर्मांतरण का आरोप
हिंदू संगठनों का आरोप है कि 30 अक्टूबर को सेंट जोसेफ स्कूल में ईसाई धर्म का कार्यक्रम कर 8 छात्राओं का गोपनीय तौर पर धर्मांतरण संस्कार कराया था। जैसे ही खबर बाहर आई, इसे लेकर हंगामा मच गया। हंगामे से एक दिन पहले कई सामाजिक संगठनों ने कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन दिए थे। मिशनरी संस्थाओं द्वारा प्रदेश में हिंदू बच्चों के धर्मांतरण संबंधी विवाद का यह चौथा मामला है।
इससे पहले खरगोन में धर्मांतरण के मामले में एक महिला और पुरुष को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसका वीडियो भी सामने आया था। इसमें एक व्यक्ति कह रहा था 22 लोगों का धर्मांतरण किया जा चुका है। इसी प्रकार झाबुआ में पुलिस ने धर्मांतरण कराने के मामले में 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद रायसेन के कन्या छात्रावास में हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण करने की शिकायत बाल आयोग से की गई थी। छात्राओं को धार्मिक पुस्तक देकर उनका ब्रेनवॉश करने का आरोप लगा था। ऐसा ही मामला नगर में उजागर होने? के बाद इस पर बवाल मचा हुआ है।