नई दिल्ली । संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रदर्शन के दौरान किसानों की मौत के मामले को उठाया। सत्र के शुरू होने के बाद हंगामा इतना ज्यादा हुआ कि सभापति को सत्र स्थगित करना पड़ा। लेकिन इस दिन संसद के अंदर ही सिर्फ हंगामा नहीं हुआ बल्कि संसद परिसर में भी विपक्षी सांसदों ने जमकर प्रदर्शन किया। अपनी निलंबन वापसी की मांग को लेकर यह सभी राज्यसभा सासंद संसद परिसर में ही बने महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे धरना प्रदर्शन पर बैठ गए। तृणमूल कांग्रेस की निलंबित राज्यसभा सांसद डोला सेन और शांता चेत्री के अलावा बुधवार को अन्य सभी निलंबित सांसद संसद परिसर में अपने निलंबन के खिलाफ धरना प्रदर्शन पर बैठ गए।
सूत्रों के मुताबिक दोनों सांसद सत्र के दौरान हर रोज सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक धरने पर बैठेंगी। यह धरना सोमवार से लेकर शुक्रवार तक चलेगा। यह भी कहा जा रहा है कि इस धरना प्रदर्शन के दौरान अन्य निलंबित सांसद भी वहां पहुंचेंगे और अपना निलंबन वापस लेने के लिए दबाव बनाएंगे। टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा, 'सांसदों का निलंबन उनके घमंड को दिखाता है जो बहुमत में है। जब वो विपक्ष में थें तब वो लोग भी संसद की कार्यवाही को बाधित करने का काम करते थे।
जब तक हमें न्याय नहीं मिलता हमारा धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सांसदों को समर्थन देने पहुंचे। राहुल गांधी के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अन्य कई नेता भी नजर आए। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मौके पर कहा, 'हम यह मांग करते हैं कि राज्यसभा के निलंबित सभी 12 सांसदों का निलंबन वापस लिया जाए। हम एक बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे।' कांग्रेस नेता शशि थरूर ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'केंद्र सरकार को समझना चाहिए की देश में दूसरे लोगों की आवाज को भी सुनना होगा। संसद विचार-विमर्श के लिए है।
आपको लोगों को अपने विचार रखने की अनुमति देनी होगी। सिर्फ इस तरह से अब एक प्रजातांत्रिक संसद को चला सकते हैं।' आपको याद दिला दें कि अगस्त के महीने में मॉनसून सत्र के दौरान इन 12 सांसदों को निलंबित किया गया था। इन सभी सांसदों पर राज्यसभा में भारी हंगामा मचाने और मार्शलों से हाथापाई करने का आरोप लगा था। उस सत्र में इंश्योरेंस बिल पर चर्चा के दौरान सरकार और विपक्ष में झड़प हो गई थी। सांसदों ने कागज फाड़ दिए थे, धक्का-मुक्की की थी। बवाल इतना बढ़ गया था कि मार्शलों को भी बुलाना पड़ गया था। टीएमसी की महिला सांसद पर मार्शल से अभद्रता का आरोप भी लगा था। इसी हंगामे के बाद दोनों सदनों को समय से दो दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया था।