नई दिल्ली । भारत के पड़ोसी देश म्यांमार की सीमा पर भारतीय रेल मंत्रालय ने एक नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के निर्माण के लिए लगभग 111 किलोमीटर के इंफाल-मोरे खंड के फाइनल लोकेशन सर्वेक्षण के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है। नॉर्ट ईस्ट के दौरे पर गए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मणिपुर के मुख्यमंत्री की पहल पर नई रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे को मंजूरी दी।
उनके मंजूरी देने के 2 घंटे के अंदर ही रेल मंत्रालय ने आदेश भी जारी कर दिया। हुआ यूं कि रेल मंत्री के इंफाल दौरे के दौरान मणिपुर के सीएम ने उनसे रिक्वेस्ट की कि इंडो म्यांमार बॉर्डर को जोड़ने के लिए इंफाल से मोरेह तक रेल लाइन को एक्सटेंशन दिया जाए। रेल मंत्री ने ऑन द स्पॉट रेल मंत्रालय के अधिकारियों को आदेश दिया कि म्यांमार तक रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे का अप्रूवल दिया जाए। बैठक खत्म होने तक रेल मंत्रालय ने रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे की मंजूरी दे दी और आदेश भी जारी कर दिया।
इंडो-म्यांमार रेल लिंक परियोजना के तहत इंफाल से मोरेह तक रेलखंड बनाया जाएगा। अभी भारतीय इलाके में इंफाल तक ही रेल लाइन का काम चल रहा हैं। जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। एक बार बनने के बाद यह इंफाल-मोरेह नई लाइन रणनीतिक महत्व की होगी और प्रस्तावित ट्रांस-एशियन रेलवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी, जो भारत को दक्षिण पूर्व एशिया से रेल नेटवर्क के जरिए जोड़ेगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को इंफाल के अपने दौरे पर रेलवे परियोजनाओं का हवाई निरीक्षण किया और भारत-म्यांमार सीमा पर मोरेह तक एक नई लाइन के लिए सर्वेक्षण का आदेश दिया। मंत्रालय ने कहा कि फाइनल लोकेशन सर्वेक्षण 333 लाख रुपए की अनुमानित लागत से किया जाएगा। वैष्णव ने अपने हवाई सर्वेक्षण के दौरान मणिपुर में जिरीबाम-इंफाल नई लाइन परियोजना का जायजा लिया। इस परियोजना में इंफाल को गुवाहाटी से जोड़ने वाली देश की सबसे लंबी रेल सुरंग भी शामिल है। मालगाड़ियों के इस महीने के अंत तक कैमाई रोड रेलवे स्टेशन तक सेवाएं शुरू करने की उम्मीद है।