गुजरात के राजकोट अग्निकांड हादसे में गेम जोन के एक मालिक प्रकाश हिरन (जैन) की भी मौत हो गई है। घटनास्थल पर मिले एक शव का डीएनए सैंपल अहमदाबाद में रहने वाली जैन की माता विमला देवी के डीएनए सैंपल से मैच हुआ है। मंगलवार को इस बात का खुलासा हुआ।
प्रकाश हिरन मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले थे। वे पिछले 4-5 साल से राजकोट में रह रहे थे। उन्होंने 5 करोड़ के निवेश से बने गेम जोन में 3 करोड़ रुपए लगाए थे। यानी उनकी 60% की हिस्सेदारी थी।
उधर, हादसे में नामजद 6 आरोपियों में से चौथे आरोपी धवल ठक्कर को गुजरात पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार किया है। हादसे के बाद वह फरार हो गया था और आबू रोड में छिपा था। इससे पहले 3 आरोपियों- युवराज सिंह सोलंकी, नितिन जैन और राहुल राठौर को गिरफ्तार किया गया था।
राजकोट में शनिवार शाम 4.30 बजे टीआरपी गेम जोन में आग लगने से 12 बच्चों समेत 30 लोगों की मौत हुई थी। कुछ लोग इस हद तक जल गए थे कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी। शवों की पहचान के लिए 25 डीएनए सैंपल गांधीनगर भेजे गए थे।
आरोपी कोर्ट में बोला- घटनाएं होती रहती हैं
कोर्ट ने 4 आरोपियों को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे। कागजात मांगने पर कह रहे हैं कि सभी दस्तावेज आग में जल गए। अग्निकांड के एक आरोपी युवराज सिंह सोलंकी ने पहले तो कोर्ट में यह जताने की कोशिश की उसे इस हादसे पर बहुत दुख है।
स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर तुषार गोकानी ने बताया कि सब किसी को लग रहा था कि वह रो रहा है। लेकिन, 5 मिनट बाद ही वह हंसने लगा और बहस करने लगा। इतना ही नहीं, कोर्ट रूम में उसने यहां तक कहा कि इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं।
6 जून से इस केस की सुनवाई शुरू होगी
गुजरात हाईकोर्ट ने 26 मई 2024 को राजकोट TRP गेम जोन हादसे पर एक्शन लेकर सुनवाई शुरू की थी। हाईकोर्ट ने रविवार को भी सुनवाई की। विशेष जज बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच बैठी थी।
हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रिजेश त्रिवेदी और अधिवक्ता अमित पांचाल ने दलीलें दीं। हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में गेम जोन के नियमों पर दलीलें पेश करने का आदेश दिया था।
राजकोट पुलिस कमिश्नर ने कोर्ट को बताया कि TRP गेम जोन को कोई इजाजत नहीं दी गई थी। कोर्ट ने पुलिस और नगर निगम से 3 जून तक हलफनामा देने को कहा है। 6 जून से इस केस की सुनवाई शुरू होगी।
राजकोट हादसे पर हाईकोर्ट बोला- अफसरों की आंखें बंद थीं
राजकोट TRP गेम जोन हादसे की सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने राजकोट महानगरपालिका प्रशासन को जमकर फटकर लगाई। कोर्ट ने कहा- बच्चों समेत 28 लोगों की मौत के बाद आपको अब पता चल रहा है कि शहर में दो गेमिंग जोन बिना परमिशन के चल रहे हैं। क्या आप अंधे हो गए हैं, या फिर सो रहे हैं?
राजकोट में गेमिंग सेंटर अनधिकृत परिसर में बनाया गया था और फायर सेफ्टी की NOC भी नहीं थी और यह सब कुछ पिछले चार साल से चल रहा था। अब हमें नगर प्रशासन और गुजरात सरकार पर बिल्कुल भरोसा नहीं रहा। कोर्ट ने कहा- यह त्रासदी आंखें खोलने वाली है, सबसे दुखद बात यह है कि इसमें मासूम बच्चों की भी मौत हुई है।
7 में से 3 आरोपियों को 14 दिन की पुलिस कस्टडी
इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को आरोपी बनाया है। इनके नाम धवल ठक्कर, अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, प्रकाशचंद हिरण, राहुल राठौड़, युवराज सिंह सोलंकी और उनके मैनेजर नितिन जैन हैं।
इनमें से तीन युवराज, राहुल और नितिन जैन को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया। इन्हें कोर्ट ने 14 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। बाकी चार की तलाश जारी है। एक फुटेज में प्रकाशचंद हिरण गेम जोन के अंदर दिखाई दिया है। भाई का दावा है कि इस हादसे में प्रकाशचंद की मौत होने की आशंका है।
उधर, गुजरात सरकार ने सोमवार को घटना को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप में 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें राजकोट महानगरपालिका कॉर्पोरेशन (RMC) के असिस्टेंट प्लानर, असिस्टेंट इंजीनियर, रोड्स एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट के दो डिप्टी इंजीनियर और दो थानों के पुलिस इंस्पेक्टर शामिल हैं।
इस बीच, सरकार ने राजकोट के पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव और नगर निगम कमिश्नर आनंद पटेल समेत अन्य दो पुलिस अधिकारियों विधि चौधरी और सुधीर जे देसाई का तबादला कर दिया गया है।