चंपाई सोरेन की जगह पर घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने आज मंत्री पद की शपथ ली। झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में सीएम हेमंत सोरेन भी मौजूद थे।
रामदास सोरेन घाटशिला विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। पार्टी ने उन्हें जमशेदपुर के जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी पहले से सौंप रखी है। रामदास पहली बार कैबिनेट में शामिल हुए हैं।
चंपाई के बाद रामदास क्यों
JMM कोल्हान में खुद को कमजोर नहीं करना चाहती यही वजह है कि चंपाई के बाद कोल्हान से ही एक मजबूत लीडर को खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। रामदास पुराने नेता है, वह झारखंड आंदोलन से भी जुड़े हैं। ऐसे में चंपाई के भाजपा में जाने से कोल्हान में रामदास पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे।
इसी रणनीति के तहत उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम के अलावा सरायकेला-खरसावां जिले में पार्टी में इनसे सीनियर नेता कोई दूसरा नहीं है।
आदिवासी समाज में इनकी मजबूत पहचान है। रामदास शिबू सोरेन और चंपई सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में सक्रिय भूमिका में रहे। आंदोलन के दौरान उनपर कई मामले दर्ज हुए।
चंपाई पर क्या बोले रामदास
शपथ लेने से पहले रामदास सोरेन ने कहा, 'मैंने कभी पद के लिए अपनी तरफ से दावा नहीं किया। पार्टी ने हमेशा जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी उसे ईमानदारी से निभाता रहा इस पद को भी उसी तरह निभाऊंगा। हमारी लड़ाई जल, जंगल और जमीन की थी और उसी की रहेगी।'
चंपाई के संबंध में उन्होंने कहा, 'वो एक बड़े नेता है, हमने झारखंड आंदोलन के समय काफी समय साथ में बिताया है। पार्टी ने उन्हें शुरू से पूरा सम्मान दिया, इसमें कोई दो राय नहीं है. वे छह बार विधायक रहे, तीन बार मंत्री रहे और उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी भी सौंपी गई। उन्होंने जो कदम उठाया है इस पर उन्हें एक बार सोचना चाहिए था।'