मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुद्रा बाजार निकाय फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट एंड डेरिवेटिव्स एसोसिएशन (फिम्डा) को ऋण डेरिवेटिव निर्धारण समिति गठित करने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे डेरिवेटिव के नकदी एवं नीलामी समाधान की प्रक्रिया तय की जा सकेगी। केंद्रीय बैंक ने मुद्रा बाजार साधनों के लिए जारी दिशानिर्देश की समीक्षा करते हुए ऋण डेरिवेटिव के बारे में विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत बनाई जाने वाली ऋण डेरिवेटिव निर्धारण समिति (सीडीडीसी) नकद समाधान एवं नीलामी निपटान की प्रक्रिया को तय करेगी। यह समिति फिम्डा को बनानी है। आरबीआई ने कहा कि सीडीडीसी केंद्रीय प्रतिपक्षों को भी पर्यवेक्षक सदस्यों और कानूनी एवं ऑडिट फर्मों को सलाहकार सदस्यों के तौर पर शामिल कर सकती है। यह समिति ही तय करेगी कि ऋण चूक अदलाबदली (सीडीएस) के अनुबंधों का निपटान किस तरह होगा। सीडीएस एक ऋण डेरिवेटिव अनुबंध होता है जिसमें विक्रेता ऋण की स्थिति में दूसरे पक्ष को भुगतान की प्रतिबद्धता जताता है।