मुंबई । अगर आप डिजिटल भुगतान करते हैं और इसमें खामियों को पकड़कर सुधार कर सकते हैं तो आप 40 लाख रुपए जीत सकते हैं। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डिजिटल भुगतान को अधिक सुरक्षित एवं उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से अपना पहला वैश्विक हैकथॉन आयोजित करने जा रहा है। आरबीआई ने हैकथॉन की घोषणा करते हुए कहा कि डिजिटल भुगतान को अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाना इसकी विषयवस्तु रखी गई है।
हार्बिंजर 2021 नाम के इस हैकथॉन के लिए पंजीकरण 15 नवंबर से शुरू होंगे। केंद्रीय बैंक ने कहा कि हैकथॉन में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को डिजिटल भुगतान की पहुंच वंचित तबके तक करने, भुगतान को सरल बनाने एवं इससे जुड़े अनुभव को बेहतर करने के साथ ही डिजिटल भुगतान को अधिक सुरक्षित बनाने से जुड़े मुद्दों की पहचान करने के साथ उनके समाधान पेश करने होंगे।
आरबीआई ने कहा कि हार्बिंजर 2021 का हिस्सा बनने से प्रतिभागियों को उद्योग के जानकारों का मार्गदर्शन हासिल करने का मौका मिलेगा। एक ज्यूरी हरेक वर्ग में विजेताओं का चयन करेगी। पहला स्थान पाने वाले को 40 लाख रुपए दिए जाएंगे जबकि, दूसरे स्थान पर रहने वाले प्रतिभागी को 20 लाख रुपए का इनाम मिलेगा।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान प्रणाली के विकास से अंततः नकदी पर निर्भरता पर अंकुश लगेगा। आधिकारिक आंकड़े प्लास्टिक कार्ड, नेट बैंकिंग और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सहित विभिन्न तरीकों से डिजिटल भुगतान में उछाल की ओर इशारा करते हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) का यूपीआई प्रणाली देश में भुगतान के एक प्रमुख माध्यम के रूप में तेजी से उभर रहा है।
यूपीआई को 2016 में लॉन्च किया गया था और इसके जरिये लेन-देन महीने-दर-महीने बढ़ रहा है। सूत्रों ने बताया कि आर्थिक अनिश्चितता की अवधि के दौरान नकदी की मांग हमेशा बढ़ती है और चूंकि नकदी संपत्ति का सबसे तरल रूप है, इसलिए भारी अनिश्चितता की अवधि के दौरान नकदी में वृद्धि की उम्मीद रहती है। महामारी के दौरान नकदी की मांग में वृद्धि एक विश्वव्यापी घटना रही है।