लोकसभा की 542 सीटों की काउंटिंग हो चुकी है। दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा में भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है। कांग्रेस 99 सीट जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी और सपा 37 सीटें जीतकर तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी।
उत्तर प्रदेश की लखीमपुर खीरी सीट से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी चुनाव हार गए हैं। 2021 में टेनी के बेटे ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी कार चढ़ा दी थी। इसमें 8 लोगों की मौत हुई थी।
साथ ही मोदी सरकार में मंत्री स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडेय और कौशल किशोर भी चुनाव हार गए हैं। उधर फैजाबाद (अयोध्या) में बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह को भी हार मिली।
राहुल गांधी केरल के वायनाड और यूपी के रायबरेली से चुनाव जीत गए। वहीं कैसरगंज सीट से करणभूषण सिंह ने भी बाजी मारी। करणभूषण पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे हैं। बृजभूषण पर पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें टिकट नहीं मिला।
उधर, हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर सीट से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और चित्रदुर्ग से जीएम करजोल विजयी घोषित हुए हैं। सूरत सीट भाजपा पहले ही निर्विरोध जीत चुकी है। राजस्थान में जयपुर सीट भाजपा की मंजू शर्मा जीत चुकी हैं।
मध्य प्रदेश के इंदौर में बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी 11 लाख 75 हजार 92 वोट से जीत गए हैं। विदिशा से बीजेपी प्रत्याशी शिवराज सिंह चौहान ने 8 लाख 20 हजार 868 वोटों से जीत हासिल की है।
इसके अलावा, पंजाब में पूर्व CM चरणजीत सिंह चन्नी जालंधर से और फतेहगढ़ साहिब से अमर सिंह चुनाव जीत गए हैं। अमृतसर से कांग्रेस के गुरजीत औजला जीते।
वहीं खडूर साहिब से खालिस्तान समर्थक अमृतपाल निर्दलीय चुनाव जीत गए। पटियाला से कांग्रेस के धर्मवीर गांधी जीते हैं। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी BJP उम्मीदवार परनीत कौर और AAP सरकार के मंत्री डॉ. बलबीर सिंह को हराया है।
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट का खाता खुल गया है। दक्षिण-मध्य मुंबई से अनिल देसाई चुनाव जीत गए हैं। देसाई ने शिवसेना शिंदे गुट के निवर्तमान सांसद राहुल सेवाले को हराया।
मेघालय से कांग्रेस के सालेंग ए संगमा जीत गए हैं। वे तुरा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) के एच.डी. कुमारस्वामी मांड्या सीट से 2.84 लाख वोट से जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के वेंकटरमण गौड़ा को हराया है।
उत्तर प्रदेश - 80 सीटें
लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में बीजेपी ने 74 सीटों पर चुनाव लड़ा। जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) और अपना दल (एस) ने दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ा। बीजेपी को 33 सीटों पर जीत मिली। वहीं, RLD 2 सीटें जीत पाई। अपना दल सोनेलाल की पार्टी एक सीट पर जीती। I.N.D.I.A ब्लॉक में शामिल सपा 37 सीटों पर और कांग्रेस 6 सीटों पर जीती।
2019 में भाजपा को 62, बसपा 10, सपा 5, अपना दल (एस) 2 और कांग्रेस को सिर्फ रायबरेली सीट पर जीत मिली थी। राहुल गांधी अमेठी सीट से हार गए थे।
महाराष्ट्र - 48 सीटें
महाराष्ट्र की 48 सीटों में बीजेपी को 9 सीटें जीत चुकी है। गठबंधन की सहयोगी NCP ने एक सीट जीती। शिव सेना (शिंदे गुट) को 7 सीटों पर जीत मिली। INDIA ब्लॉक में शामिल कांग्रेस ने 13 सीटें जीतीं। शिव सेना (UBT) 9 सीटों पर जीत चुकी है। NCP शरद चंद्र पवार ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। सांगली सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता।
2019 में यहां भाजपा-शिवसेना ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था और 48 में से 41 सीटें जीती थीं। भाजपा को 23, शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं। वहीं, NCP को 4, कांग्रेस, AIMIM और निर्दलीय को 1-1 सीट मिली थी।
आंध्र प्रदेश - 25 सीटें
आंध्र प्रदेश की 25 सीटों में बीजेपी 3 सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं, सहयोगी पार्टी टीडीपी को 16 सीट पर जीत मिली है। जन सेना पार्टी ने दो सीटें जीतीं। YSRCP चार सीट जीतने में कामयाब रही।
2019 में राज्य की 25 में से 22 सीटें सत्ताधारी जगनमोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP ने जीतीं। पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP को 3 सीटें ही मिल पाईं। भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी।
तेलंगाना - 17 सीटें
तेलंगाना की 17 सीटों पर बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। कांग्रेस ने भी 8 सीटों पर जीत दर्ज की। AIMIM को सिर्फ एक ही सीट पर जीत मिली। यह हैदराबाद सीट है, जहां असदुद्दीन ओवैसी जीते हैं।
2019 में तब सत्ता में रही BRS ने सबसे ज्यादा 9 सीटें जीतीं। इसके बाद भाजपा को 4, कांग्रेस को 3 और AIMIM को 1 सीट मिली थी।
पश्चिम बंगाल - 42 सीटें
पश्चिम बंगाल में भाजपा, कांग्रेस और TMC तीनों ने अकेले चुनाव लड़ा। राज्य की 42 सीटों में से TMC ने 29 सीटें जीतीं। वहीं बीजेपी को 12 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस केवल 1 ही सीट जीत सकी।
2019 में यहां भाजपा ने 18, सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने सबसे ज्यादा 22 और कांग्रेस ने 2 सीटें जीती थीं। इस बार TMC यहां I.N.D.I.A गठबंधन से अलग चुनाव लड़ रही है। वहीं कांग्रेस और CPI साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
बिहार - 40 सीटें
बिहार की 40 सीटों में भाजपा को 12 सीट पर जीत मिली। सहयोगी दल जदयू को भी 12 ही सीटों पर जीत मिली। लोकजनशक्ति पार्टी (राम विलास) 5 सीटों पर जीती। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने एक सीट जीती। वहीं, INDIA ब्लॉक में कांग्रेस को 3 सीटें और आरजेडी को चार सीटों पर जीत मिली। CPI-(M)(L) ने भी 2 सीटें जीतीं। पूर्णिया की सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव ने जीत दर्ज की।
2019 में भाजपा नीत NDA ने 40 में से 39 सीटें जीती थीं। भाजपा को 17, JDU को 16 और LJP को 6 सीटें मिली थीं। लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD का सूपड़ा साफ हो गया था। कांग्रेस सिर्फ 2 सीट जीत पाई।
तमिलनाडु - 39 सीटें
तमिलनाडु की 39 सीटों में सबसे बड़ी पार्टी DMK बनी। यह कांग्रेस का सहयोगी दल है। डीएमके ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत हासिल की। MDMK को 1 सीट मिली। वहीं, CPI, CPI (M) और VCK को दो-दो सीटें मिलीं। एक सीट पर IUML और MDMK ने जीती। चेन्नई सेंट्रल से भाजपा के सबसे चर्चित चेहरे के. अन्नामलाई हार गए।
मध्य प्रदेश - 29 सीटें
मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया। राज्य की सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस यहां इकलौती छिंदवाड़ा सीट भी नहीं बचा सकी। यहां से नकुलनाथ उम्मीदवार थे।
2019 में भाजपा ने 29 में से 28 सीटें जीती थीं। मोदी लहर में कांग्रेस सिर्फ छिंदवाड़ा सीट ही बचा पाई। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ चुनाव जीते थे। इस बार उनके बेटे नकुलनाथ भी हार गए।
कर्नाटक - 28 सीटें
कर्नाटक की 28 सीटों पर बीजेपी और सहयोगी दल जेडीएस ने बाजी मारी। भाजपा ने 17 सीटें जीतीं वहीं जेडीएस के खाते में 2 सीटें आई। कांग्रेस को सिर्फ 9 सीटें मिलीं।
भाजपा का एकमात्र दक्षिण का गढ़ माने जाने वाले कर्नाटक में 2019 में पार्टी को 25 सीटें मिलीं थीं। कांग्रेस, JDS और निर्दलीय एक-एक सीट ही जीत पाई थी।
गुजरात - 26 सीटें
गुजरात में बीजेपी ने 26 सीटों में से 25 पर जीत दर्ज की। सिर्फ एक सीट कांग्रेस के खाते में आई। 2019 में भाजपा ने यहां 26 की 26 सीटें जीतीं थीं। इस बार सूरत से कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा रद्द होने और अन्य प्रत्याशियों के नाम वापस लेने के बाद भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध पहले ही जीत चुके थे।
राजस्थान - 25 सीटें
राजस्थान की 25 सीटों पर भाजपा ने 14 सीटें जीतीं। वहीं INDIA ब्लॉक में शामिल कांग्रेस ने 8 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, भारत आदिवासी पार्टी, CPI(M) तीनों को एक-एक सीट मिली। 2019 में राज्य की 25 में से 24 सीटें भाजपा ने जीत ली थीं। एक सीट RLP को मिली थी। कांग्रेस का राज्य से सफाया हो गया था।
ओडिशा - 21 सीटें
ओडिशा की 21 सीटों में से भाजपा को 20 सीटें मिलीं। जबकि कांग्रेस केवल एक ही सीट जीत सकी। बीजेडी एक भी सीट नहीं जीत सकी। 2019 में राज्य की 21 में से 12 सीटें सत्ताधारी BJD ने जीती थीं। भाजपा को 8 और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी।
केरल - 20 सीटें
केरल की 20 सीटों पर सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस बनकर आई है। कांग्रेस को 14 सीटों पर जीत मिली। वहीं सहयोगी दल IUML ने 2 सीटें जीतीं। केरल कांग्रेस और आरएसपी ने एक-एक सीट जीती। उधर बीजेपी सिर्फ एक सीट पर जीत सकी। CPI (M) को भी एक ही सीट मिली।
2019 में यही एक राज्य था, जहां कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 15 सीटें जीती थीं। इसके अलावा अन्य क्षेत्रीय पार्टियों को 5 सीटें मिली थीं। भाजपा एक भी सीट नहीं निकाल पाई।
असम - 14 सीटें
असम की 14 सीटों में से भाजपा ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की। सहयोगी दल UPPL और AGP ने एक-एक सीट जीती। वहीं कांग्रेस 3 सीटों पर जीत सकी। असम में 2019 में भाजपा को 9, कांग्रेस को 3, AIUDF और निर्दलीय को एक-एक सीट मिली थी।
झारखंड - 14 सीटें
झारखंड की 14 सीटों में से भाजपा को 8 सीटों पर जीत मिली। सहयोगी दल आजसू पार्टी एक सीट जीत सकी। वहीं INDIA गठबंधन में कांग्रेस दो सीट पर जीती। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की।
2019 में यहां NDA को 12 सीटें मिली थीं। भाजपा ने 11 और उसके सहयोगी दल AJSU ने एक सीट जीती थी। कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा एक-एक सीट ही निकाल पाई। RJD एक भी सीट नहीं जीत पाई।
पंजाब - 13 सीटें
पंजाब में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली। INDIA ब्लॉक में शामिल कांग्रेस ने सात सीट जीतीं। वहीं आम आदमी पार्टी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि शिरोमणि अकाली दल के खाते में एक सीट आई। दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवार जीते।
दो निर्दलीय में से एक खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह है। वह खंडूर साहिब सीट से चुनाव जीता है। वह फिलहाल असम की जेल में बंद है। इसके अलावा फरीदकोट सीट से सरबजीत सिंह खालसा ने जीत दर्ज की।
2019 में कांग्रेस को यहां से 8, शिरोमणि अकाली दल को 2, भाजपा को 2 और आम आदमी पार्टी (AAP) को एक सीट मिली थी।
छत्तीसगढ़ - 11 सीटें
छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था। भाजपा ने 10 सीटें जीतीं। वहीं कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट आई। राजनांदगांव से पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल 44 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए।
2019 में भाजपा को यहां 9 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं। तब यहां कांग्रेस की सरकार थी। इस बार सत्ता भाजपा की है।
हरियाणा - 10 सीटें
हरियाणा में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था। कांग्रेस ने 5 सीटें जीतीं। वहीं भाजपा को 5 सीटों पर जीत मिल चुकी है। 2019 में भाजपा ने यहां 10 में से 10 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को यहां एक भी सीट नहीं मिल पाई थी। उनके दिग्गज नेता तक चुनाव हार गए थे। फिलहाल राज्य में भाजपा की सरकार है।
दिल्ली - 7 सीटें
दिल्ली में बीजेपी ने विपक्षियों का पूरी तरह से सफाया किया। भाजपा ने सभी 7 सीटों पर जीत दर्ज की। यहां कांग्रेस और AAP का खाता तक नहीं खुला। 2019 में भी बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात सीटें जीती थीं।
जम्मू-कश्मीर - 5 सीटें
जम्मू कश्मीर की 5 सीटों में से जम्मू और उधमपुर सीट BJP के खाते में गईं। जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस को यहां 2 सीटें मिलीं। बारामूला सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते।
लद्दाख की एक सीट पर 2019 में जम्मू एवं कश्मीर में लोकसभा की 6 सीटें थीं। तब भाजपा ने 3 और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 3 सीटें जीती थीं। लद्दाख में 2019 में भाजपा ने एकमात्र सीट जीती थी।
उत्तराखंड - 5 सीटें
उत्तराखंड की सभी पांच सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया। यहां कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। 2019 में भाजपा ने राज्य की सभी 5 सीटें जीती थीं। कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई। तब सत्ता में भाजपा ही थी। इस बार भी राज्य में भाजपा की ही सरकार है।
हिमाचल प्रदेश - 4 सीटें
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने क्लीनस्वीप किया। राज्य की सभी चार सीटों पर बीजेपी को जीत मिली। इसमें मंडी से कंगना रनोट और हमीरपुर से अनुराग ठाकुर की सीट शामिल है। 2019 में भाजपा ने राज्य की सभी 4 सीटें जीती थीं। कांग्रेस का सफाया हो गया था। तब राज्य में भाजपा की सरकार थी, अभी कांग्रेस सत्ता में है।
7 पूर्वोत्तर राज्य
देश के 7 पूर्वोत्तर राज्य- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड- में कुल 25 सीटें हैं। जिसमें त्रिपुरा में बीजेपी ने दो सीटें जीतीं। मणिपुर में कांग्रेस को दो, अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने दोनों सीटों पर जीत हासिल की। मेघालय में सिर्फ दो सीटें हैं जिसमें एक पर कांग्रेस को जीत मिली। दूसरी सीट स्थानीय पार्टी VOTPP को मिली। असम की 9 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। सहयोगी दल UPPL और AGP एक-एक सीट पर जीती। वहीं कांग्रेस को सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली। नगालैंड में एक सीट कांग्रेस जीती।
दादर नगर हवेली-दमन दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, चंडीगढ़
चंडीगढ़ में एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली। वहीं दादर नगर हवेली और दमन दीव में एक सीट बीजेपी और एक अन्य को मिली। लद्दाख में एक सीट निर्दलीय को मिली। इसके अलावा लक्षद्वीप और पुडुचेरी की कुल दो सीटें कांग्रेस के खाते में गईं।