ये लोग थे मौजूद
उन्होंने कहा कि घटना के वक्त पीएसओ अरुण, विधायक के पीए भानु हार्डिया और जुगनू कुशवाह भी मौजूद थे। अरुण ने बताया कि विधायक लोगों से बात करते हुए अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। भानु, जुगनू और मैं उन्हें लेकर अस्पताल के लिए रवाना हुए। भानु गाड़ी चला रहे थे।
गाड़ी में सीपीआर देना शुरु किया
पीएसओ ने कहा कि मैंने विधायक जी को गाड़ी में ही सीपीआर देना शुरू कर दिया। हॉस्पिटल तो बस 10 मिनट की दूरी पर था, लेकिन ट्रैफिक बहुत ज़्यादा था। ऐसे में भानु ने रॉन्ग साइड गाड़ी चलाई और हूटर बजाते हुए अस्पताल पहुंचे।
दूसरी बार आई उन्हें खांसी
अरुण ने बताया कि मैंने उन्हें गाड़ी में एक बार सीपीआर दिया तो कोई रिस्पांस नहीं मिला। दूसरी बार में उन्हें हल्की सी खांसी आई। जब तक हॉस्पिटल नहीं आ गया, मैं उन्हें सीपीआर देता रहा।
पीएसओ को इनाम और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन
शनिवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अस्पताल पहुंचकर विधायक मधु वर्मा का हालचाल जाना। डॉक्टरों ने बताया कि विधायक की हालत अब खतरे से बाहर है। पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता और एडिशनल सीपी ने सीएम को पीएसओ अरुण की बहादुरी और सूझबूझ के बारे में बताया। यह सुनकर सीएम ने अरुण को 50 हजार रुपए का इनाम और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का ऐलान किया।
कौन हैं अरुण सिंह भदौरिया
अरुण सिंह भदौरिया 2002 में पुलिस में भर्ती हुए थे। 2003 से 2 साल तक वे सीएम हाउस में तैनात रहे। इसके बाद 16 साल तक खंडवा सांसद रहे नंदकुमार सिंह चौहान की सुरक्षा में रहे। दिसंबर 2023 में उन्हें राऊ विधायक मधु वर्मा के यहां पोस्टिंग मिली।