राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडे ऑर्गेनाइजर में छपे एक आर्टिकल में लिखा गया है कि लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी महज 240 सीटों पर लड़खड़ा गई, इसका कारण यह है कि भाजपा नेताओं का अति आत्मविश्वास। ‘आएगा तो मोदी ही’ इस भरोसे में रहने वाले कार्यकर्ता ‘जमीनी हकीकत' से अनभिज्ञ रहते हैं।
महाराष्ट्र में अजित पवार से हाथ मिलाने और कांग्रेस नेताओं को पार्टी में लेने से भाजपा को झटका लगा है। संघ के स्वयंसेवक रतन शारदा ने इस लेख में सवाल उठाया है कि जब बीजेपी और शिंदे शिवसेना के पास पर्याप्त बहुमत है तो अजित को साथ क्यों लिया?
कई साल तक कांग्रेस की जिस विचारधारा के साथ लड़ाई लड़ी, सत्ता के लिए उसके लोगों को भाजपा ने साथ में लिया, इससे कार्यकर्ता दु:खी हो गए। भगवा आतंकवाद का आरोप लगाने और 26/11 को संघ की साजिश बताने वाले कांग्रेस नेता को भाजपा में शामिल किया। इससे संघ के स्वयंसेवकों को ठेस पहुंची है।
एक दिन पहले अजित ने कहा था- कैबिनेट से कम कोई पद मंजूर नहीं
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 25 वें स्थापना दिवस समारोह पर मुंबई में पार्टी अध्यक्ष और महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार ने NDA सरकार में कैबिनेट पोर्टफोलियो की फिर से मांग की। उन्होंने कहा कि हम कैबिनेट से कम कोई पद स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि भाजपा ने हमसे कहा था कि उन्हें अपने सहयोगियों को कैबिनेट पद देने की जरूरत है।
हालांकि, कैबिनेट न मिलने पर भी उन्होंने NDA के साथ रहने की बात की। उन्होंने कहा- हम NDA का हिस्सा बने रहेंगे। NDA की फिलहाल 284 सीटें हैं, लेकिन लोकसभा सत्र शुरू होते-होते ये आंकड़ा 300 पार हो जाएगा।
प्रफुल्ल पटेल ने ठुकाराया था मंत्री पद
भाजपा की ओर से NCP के राज्यसभा सांसद को राज्य मंत्री का पद ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे डिमोशन बताते हुए ठुकरा दिया था। केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि उन्हें स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री का पद स्वीकार करना उचित नहीं लगा। इसलिए हम कुछ दिन इंतजार करने को तैयार है, लेकिन हमें कैबिनेट पद ही चाहिए।