सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत पर रोक की याचिका खारिज कर दी है। ED ने लैंड स्कैम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत देने के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी और सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द किए जाने की मांग की थी।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट ने 28 जून को जो फैसला सुनाया था, प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी नहीं हैं, " यह बहुत ही तर्कसंगत" है। कोर्ट के इस फैसले के बाद झारखंड सीएम को बड़ी राहत मिली है।
28 जून को हेमंत सोरेन को मिली है जमानत
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने 28 जून को हेमंत सोरेन को जमानत दी है। वे उसी शाम जेल से बाहर आए थे। सीएम हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था ED ने हेमंत सोरेन पर जमीन पर कब्जा करने का जो आरोप लगाया है, उससे संबंधित एक भी दस्तावेज अभी तक ED कोर्ट में पेश नहीं कर सकी है।
कोर्ट का कहना था कि ED ने इस मामले में जिन लोगों के बयान लिए हैं, उससे भी साबित नहीं हो पा रहा है कि वह जमीन हेमंत सोरेन से जुड़ी है।
दो शर्तों के साथ हेमंत को मिली है जमानत
PMLA एक्ट के सेक्शन 45 के तहत जमानत की 2 शर्तें
यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं हो कि आरोपी ने कथित अपराध किया।
जमानत पर रहने के दौरान आरोपी उस तरह का कोई अपराध नहीं करेगा।
क्या है सीएम हेमंत सोरेन पर आरोप
दरअसल, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर 31 करोड़ रुपए से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप है। हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को कथित भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद से वह रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में थे।
ED की ओर से कोर्ट में दाखिल 191 पन्नों की चार्जशीट में हेमंत सोरेन, राजकुमार पाहन, हिलारियास कच्छप, भानु प्रताप प्रसाद और बिनोद सिंह को आरोपी बनाया है। उस जमीन के टुकड़े को भी ED ने 30 मार्च को कुर्क कर लिया है, जिसकी कीमत 31.07 करोड़ रुपए से अधिक है।
जांच एजेंसी को 2022 में रांची के मोरहाबादी में रक्षा मंत्रालय की 4.55 एकड़ जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच करते समय उपरोक्त भूमि घोटाले के बारे में भनक लगी थी।
चार जुलाई को 13वें सीएम के रूप में ली शपथ
150 दिनों से अधिक समय तक जेल में गुजारने के बाद 28 जून को वे बाहर आए। इसके बाद उन्होंने चार जुलाई को 13वें सीएम के रूप में शपथ ली। जेल से निकलने के छठे दिन ही उन्होंने राज्य की कमान एक बार फिर से अपने हाथ में ले ली है। 24 साल के झारखंड में वे 13वें सीएम बन गए।
शपथ ग्रहण के बाद हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्तमान महागठबंधन की सरकार ने 2019 से जनता की भावनाओं के अनुरूप सारी कार्य योजनाएं कीं। राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच चंपाई सोरेन ने उसे आगे बढ़ाया क्योंकि मैं जेल में था। आज कोर्ट के आदेश से मैं बाहर आ पाया हूं। पुन: अपने कार्यभार को संभालते हुए अब आगे के काम किए जाएंगे।