नई दिल्ली । भारत से सेवाओं के निर्यात का लक्ष्य 2022-23 में 300 अरब डॉलर रखने की योजना बनाई गई है। यह बात सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद (एसईपीसी) ने कही है। एसईपीसी के चेयरमैन सुनील एच तलाती ने कहा कि आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय यात्राएं और अन्य कारोबारी गतिविधियां सामान्य हो जाएंगी, जिससे सेवाओं के निर्यात के लक्ष्य को 300 अरब डॉलर किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सेवा निर्यात 240 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है। कोविड-19 महामारी जल्द समाप्त होगी। इससे अंतरराष्ट्रीय यात्राएं और कारोबारी गतिविधियां सामान्य हो सकेंगी। ऐसे में हम 2022-23 में सेवा निर्यात के लक्ष्य को 300 अरब डॉलर रख सकते हैं। उन्होंने आगामी आम बजट में क्षेत्र के लिए समर्थन उपायों की भी मांग की। उन्होंने कहा कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना जैसे उपायों से निश्चित रूप से पूंजी-गहन क्षेत्रों मसलन शिक्षा, विमानन, स्वास्थ्य सेवा, शोध एवं अनुसंधान और फिल्म निर्माण को मदद मिल सकती है।
उद्योग संगठन ने भारत से सेवाओं के निर्यात की योजना (एसईआईएस) के विकल्प के रूप में सेवाओं के निर्यात पर शुल्क छूट (ड्रेस) जैसी योजना का प्रस्ताव किया है। उसका कहना है कि इससे सेवाओं का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के लिए बातचीत में सेवा क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इससे हमारे सेवा क्षेत्र के पेशेवरों मसलन चिकित्सकों, नर्सों, इंजीनियरों, शिक्षकों, वकीलों, लेखाकारों और बैंकरों के लिए आवाजाही सरल हो सकेगी।