नई दिल्ली। पाकिस्तान में दो दिन पहले घटी सियालकोट की घटना की पूरी दुनिया में कड़ी आलोचना हो रही है। इस घटना ने पाकिस्तान की उस सच्चाई को भी उजागर कर दिया है जो कट्टरपंथ के नाम पर गैर इस्लामी लोगों के साथ घट रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद कह चुके हैं कि इस घटना से देश का सिर शर्म से झुक गया है। लेकिन इसके बाद भी वो भारत को कोसना नहीं भूले।
पाकिस्तान के अखबारों के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान सियालकोट की घटना में मारे गए श्रीलंकाई नागरिक प्रियंथा कुमार के सहकर्मी मलिक अदनान को तमगा-ए-सुजात देने का एलान किया था। खबर के मुताबिक इस व्यक्ति ने भीड़ से श्रीलंकाई नागरिक को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन वो नाकामयाब रहा था। अदनान को 23 मार्च को इस खिताब से नवाजा जाएगा।
इस मौके पर पीएम इमरान खान ने कहा कि सियालकोट की घटना को भारत में लगातार टीवी चैनल पर दिखाकर पाकिस्तान को बदनाम किया जा रहा है। भारत लगातार इस घटना से देश की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है। सभी जानते हैं कि इमरान खान ने ये कहकर सियालकोट की घटना को दबाने की कोशिश की है। हालांकि उनकी इस कोशिश की सच्चाई से पूरी दुनिया भलीभांति परिचित है। सियालकोट की घटना को महज दो दिन ही बीते हैं और पाकिस्तान के फैसलाबाद में एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आ गई।
इस घटना में कुछ लोगों ने चार महिलाओं को सरेआम सड़कों पर घसीटा बल्कि उनके कपड़े भी फाड़ डाले। वहां पर खड़े लोग इस घटना का वीडियो बनाते रहे और कोई इन महिलाओं को बचाने के लिए आगे नहीं आया। अखबारों के मुताबिक सोशल मीडिया पर घटना को वायरल होने में भी देर नहीं लगी। खबर के मुताबिक इस मामले में पांच लोगों की अब तक गिरफ्तारी हुई है। सियालकोट की ही घटना का जिक्र करें तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का कहना है कि इस तरह की घटना दोबारा नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कार्यक्रम के दौरान ये भी कहा कि मोहम्मद साहब के नाम पर इस तरह की घिनौनी घटना को अंजाम देने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सियालकोट की घटना का जिक्र करते हुए इमरान खान ने ये भी कहा कि इस देश को अदनान जैसे रोल माडल की सख्त जरूरत है। इस देश में इंसान के रूप में जानवरों की कोई जरूरत नहीं है। इस मौके पर उन्होंने एक और बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को ईशनिंदा का आरोप लगता है कि उसके लिए कोई वकील भी सामने आकर केस लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। उसको हर वक्त अपनी जान का खतरा लगा रहता है।