चंडीगढ़ । पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू लगातार अपना माडल पेश करके ड्राइविंग सीट पर बैठने के संकेत दे रहे हैं। उनकी इस मुहिम को सोनू सूद के वीडियो से तगडा झटका लगा है। कल पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक वीडियो डाला है जिससे संकेत मिलता है कि कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू के बजाय चरणजीत सिंह चन्नी पर अपना दांव खेलेगी।
इससे सिद्धू को बड़ा झटका लगा है। इस वीडियो में सोनू सूद कह रहे हैं कि 'असली चीफ मिनिस्टर वही जिसे जबरदस्ती कुर्सी पर लेकर आया जाए ..उसको मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए संघर्ष नहीं करना पड़े . उसको बताना न पड़े कि मैं चीफ मिनिस्टर कैंडिडेट हूँ . मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी डिजर्व करता हूं, वो ऐसा होना चहिए जो बैक बेंचर हो। वो तो वह होना चाहिए जिसे पीछे से खींच कर आगे लाया जाए और बताया जाए कि मुख्यमंत्री की कुर्सी तो तू डिजर्व करता है, वही प्रदेश की काया पलट सकता है।
' सोनू सूद के इतना बोलने के बाद ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के विभिन्न कार्यक्रमों के वीडियो चलने शुरू हो जाते हैं जिसमें वह साधारण व्यक्ति की तरह लाइन में बैठकर खाना खा रहे हैं। आम लोगों से मिल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को इसी तरह कांग्रेस ने सीएम की कुर्सी पर बिठाया था। वह मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल नहीं थे बल्कि उप मुख्यमंत्री बनने के बारे में ही सोच रहे थे।
उनका मानना था कि पंजाब में सबसे ज्यादा दलित आबादी है, लेकिन उसे उस आबादी के अनुसार कभी पदवी नहीं मिली है। वह हमेशा से ही दलितों से जुड़े मुद्दों को कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में रखते रहे हैं और विपक्ष के नेता होते हुए भी वह उनसे जुड़े मुद्दों को ही उठाते रहे हैं।उन्होंने अपने 111 दिन के कार्यकाल के दौरान भी कैप्टन सरकार की बनाई हुई छवि को तोड़ दिया। अब पार्टी को यह लगने लगा है कि सरकार पंजाब में रिपीट हो सकती है। ऐसे में चन्नी को फिर से मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में आगे लाने की कवायद की जा रही है। यह वीडियो भी उसी कवायद का हिस्सा है ।
आज जब आम आदमी पार्टी भगवंत मान को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर आगे करेगी तब कांग्रेस एक दलित नेता पर बड़ा दांव खेल सकती है। ऐसा करने पर नवजोत सिद्धू क्या रुख अपनाएंगे, इसके बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। बता दें कि जब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की कवायद शुरू हुई तो पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू, सुखजिंदर सिंह रंधावा और सुनील जाखड़ जैसे नेता ही मुख्यमंत्री की दौड़ में आगे थे। इन तीनों की लड़ाई के बीच बाजी चन्नी के हाथ में लग गई।