- 12 से 15 महीने में 80,000 तक जा सकते हैं चांदी के भाव
नई दिल्ली । अगर इस समय आप चांदी में निवेश करते हैं तो आने वाले समय में यह आपको मालामाल कर सकती है। बाजार के जानकारों के मुताबिक चांदी आने वाले समय में म्यूचुअल फंड और सोने के मुकाबले कई गुना ज्यादा रिटर्न दे सकती है। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि इस साल की तीसरी तिमाही तक कोरोना महामारी खत्म होने के बाद अनिश्चितता कम होगी, जिससे सोने में निवेश घट सकता है। तेजी को देखते हुए लोग चांदी की ओर आकर्षित होंगे। एमओएफएसएल का मानना है कि अगले 12-15 महीनों में चांदी की कीमतें 80,000 रुपए तक जा सकते हैं। सिल्वर इंस्टीट्यूट के अनुसार वैश्विक चांदी की मांग 2022 में 1.112 बिलियन औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। भौतिक चांदी निवेश मांग 2022 में 13 फीसदी उछलने का अनुमान है, जो 7 साल का उच्च स्तर है। चांदी फिलहाल 61,000 के आसपास है। इस लिहाज से यह इस 33 फीसदी और वर्ष 2024 तक 250 फीसदी तक रिटर्न दे सकती है।
म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में अब ज्यादा लोग निवेश करने लगे हैं। यही वजह है कि ईटीएफ का दायरा बढ़ रहा है और अब लोग सिल्वर ईटीएफ में निवेश का रुख कर रहे हैं। सेबी ने हाल ही में सिल्वर ईटीएफ को मंजूरी दी थी। इस साल अब तक दो सिल्वर ईटीएफ बाजार में आ चुके हैं। ईटीएफ सिक्योरिटीज़ और शेयर जैसे एसेट का एक बास्केट है। इसकी खरीद-बिक्री एक्सचेंज पर होती है। इसलिए इनके फीचर्स और फायदे शेयरों में निवेश की तरह हैं, लेकिन ये म्यूचुअल फंड्स और बॉन्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स के भी लाभ देते हैं। किसी एक कंपनी के शेयर की तरह ईटीएफ की ट्रेडिंग भी दिनभर होती है। इनके दाम एक्सचेंज पर सप्लाई और डिमांड के हिसाब से घटते-बढ़ते रहते हैं।