जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के गडूल गांव में 13 सितंबर 2023 को आतंकियों की फायरिंग में 3 अफसर और दो जवान शहीद हुए थे। इसमें कर्नल मनप्रीत सिंह भी शामिल थे।
उनके अलावा मेजर आशीष धोंचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट और सिपाही प्रदीप सिंह भी शहीद हुए थे। आतंकियों के सर्च ऑपरेशन के दौरान यह घटना हुई थी।
19 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) यूनिट के सम्मानित कमांडिंग अफसर कर्नल मनप्रीत सिंह को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के लार्कीपोरा, जालदूरा और कोकरनाग के सबसे अधिक आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में नायक के रूप में याद किया जाता है।
उनको शहीद हुए 9 महीने हो गए हैं, लेकिन उनका 7 साल का बेटा कबीर आज भी अपने पिता को मोबाइल पर वॉइस मैसेज भेजकर उसने घर आने का कहता है। कबीर को लगता है उसके पिता ड्यटूी पर हैं।
पंजाब के मोहानी में रहता है कर्नल मनप्रीत सिंह का परिवार
पंजाब के मोहाली में रह रहीं कर्नल मनप्रीत सिंह की पत्नी जगमीत कहती हैं कि बेटा छुप-छुपकर अपने पिता को वॉइस मैसेज करता है। वह कहता है, ''पापा बस एक बार आ जाओ, फिर मिशन पर चले जाना।”
वह कहती हैं कि उनके पति ने घर में चिनार के दो पेड़ लगाए थे। उनके नाम बच्चों के नाम पर कबीर और वाणी रखे थे। उन्होंने आगे कहा कि पति ने कहा था कि हम इन पेड़ों को फिर से देखने के लिए 10 साल बाद वापस आएंगे, लेकिन अब...।
जगमीत कहती हैं पति कश्मीर में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। अक्सर मान (कर्नल मनप्रीत) को रात में लोगों के फोन आते, वे तत्काल उनकी मदद के लिए निकल जाते थे। कभी किसी को अस्पताल पहुंचाते को कभी किसी की निजी मदद करते थे।
पति को स्थानीय लोग शादियों, बच्चों के जन्मदिन और ईद मनाने के लिए आमंत्रित करते थे। ये सभी उनके परिवार की तरह था।
आखिरी बातचीत 32 सेकेंड की थी
जगमीत बताती हैं कि उनकी अपने पति कर्नल मनप्रीत से आखिरी बातचीत 32 सेकेंड की हुई थी। मनप्रीत ने कहा था 'मैं ऑपरेशन में हूं' ये उनके आखिरी शब्द थे। पति का समाज के लिए समर्पण उनके सैन्य कर्तव्यों से परे था। पति ने नशे की लत से पीड़ित लोगों को ठीक होने का रास्ता खोजने में मदद की।
'कर्नल सिंह लोगों के लिए एक हीलिंग टच की तरह थे'
अनंतनाग की एक प्रसिद्ध महिला क्रिकेटर रूबिया सईद ने कहती है कि वास्तव में वे लोगों के लिए एक हीलिंग टच की तरह थे। 19 RR मुख्यालय लोगों का पसंदीदा स्थान बन गया था। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कर्नल सिंह का व्यवहार सकारात्मक प्रभाव छोड़ता था।
रूबिया कहती हैं कि कर्नल सिंह का मानना था कि समाज के निर्माण में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बहुत से नशे के आदी लोग थे, जिन्हें उन्होंने पुनर्वास के लिए भेजा था। मैंने उनके जैसा सज्जन अधिकारी कभी नहीं देखा। वे मेरे साथ अपने भाई की तरह व्यवहार करते थे। जब भी हम किसी समस्या में होते थे, तो वे हमारे अंतिम सहारे में से एक होते थे।