समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने एक बार फिर उन्हें जया अमिताभ बच्चन नाम से पुकारे जाने पर ऐतराज जताया। सोमवार (5 अगस्त) को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने उनका पूरा नाम लिया। इस पर जया ने आपत्ति जताई और अब तक के पूरे मामले को ड्रामा करार दिया।
इससे पहले 29 जुलाई को उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने उन्हें जया अमिताभ बच्चन के नाम से संबोधित किया था। तब भी जया ने नाराजगी जताई थी।
राज्यसभा में आज क्या हुआ...
प्रश्नकाल के दौरान सभापति धनखड़ ने कहा- सप्लीमेंट्री नंबर 4, श्रीमती जया अमिताभ बच्चन… तब जया अपनी सीट से उठीं और बोलीं- सर, आपको अमिताभ का मतलब पता है न? मुझे अपनी शादी और अपने पति की उपलब्धियों पर गर्व है।
सभापति ने उन्हें टोकते हुए कहा- माननीय सदस्यगण, जो नाम इलेक्शन सर्टिफिकेट में आता है और जो यहां जमा किया जाता है, उसके अंदर बदलाव की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया का लाभ मैंने खुद उठाया था 1989 में। वो बदलाव की प्रक्रिया हमने हर सदस्य को बताई है।
इस पर जया बच्चन बोलती हैं... नहीं सर, मुझे अपने नाम और अपने पति, दोनों पर बहुत गर्व है। मुझे अपने पति की उपलब्धियों पर भी काफी गर्व है। उनके नाम का मतलब है, ऐसी आभा जो मिट नहीं सकती। मैं बहुत खुश हूं।
इस पर धनखड़ ने उन्हें सीट पर बैठने को कहा तो जया बोलीं- यह ड्रामा आप लोगों ने नया शुरू किया है, पहले नहीं था... मेरा मुंह मत खुलवाइए।
इसके बाद सभापति ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा- अमिताभ बच्चन पर पूरे देश को गर्व है। फिर जया को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपना प्रश्न पूछने को कहा।
जया खड़ी हुईं और खट्टर की ओर इशारा करते हुए बोलीं- इनके नाम के आगे इनकी पत्नी का भी नाम लगा दीजिए, या इसके बाद... सर, मैं इसके खिलाफ नहीं हूं, लेकिन यह गलत है।
खट्टर बोले- इस जन्म में संभव नहीं तो ठहाकों से गूंजा सदन
इस पूरे घटनाक्रम के बाद जया बच्चन ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपना प्रश्न पूछा। उसका जवाब देने के लिए जब खट्टर खड़े हुए तो व्यंग्य करते हुए बोले मुझे इस काम के लिए (अपने नाम के साथ पत्नी का नाम जोड़ना) अगले जन्म का इंतजार करना पड़ेगा, उससे पहले तो संभव है नहीं।
इस पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा। जया बच्चन भी हंसती हुई नजर आईं। बता दें, कि खट्टर अविवाहित हैं।
मैं जया अमिताभ बच्चन...
इससे पहले 2 अगस्त को राज्यसभा में केरल के एक सांसद की तरफ से पेश एक प्राइवेट मेंबर बिल पर चर्चा हो रही थी। सभापति जगदीप धनखड़ कुछ बोल रहे थे। तभी जया बच्चन खड़ी हो गईं। सभापति ने उन्हें बोलने की अनुमति दे दी।
तो जया बच्चन कहती हैं... सर, मैं जया अमिताभ बच्चन आपसे पूछ रही हूं... जया बच्चन के इतना बोलते ही सभापति जगदीप धनखड़ डायस पर हाथ पीटकर जोड़ से हंस पड़े। उनके साथ राज्यसभा में मौजूद सभी सांसद भी ठहाके लगाने लगे।
जया बच्चन ने सभापति धनखड़ से पूछा- आपको आज लंच ब्रेक मिला...नहीं मिला, तभी आप बार-बार जयरामजी (जयराम रमेश) का नाम ले रहे हैं। उनका नाम लिए बगैर आपका खाना हजम ही नहीं होता।
इस पर धनखड़ ने अपना हेडफोन निकालते हुए कहा- एक चीज लाइटर नोट पर बताऊं...मैंने लंच रीसेस में लंच नहीं किया और उसके बाद लंच जयरामजी के साथ किया। इसके बाद सदन दोबारा ठहाकों से गूंज उठा।
फिर उन्होंने कहा..माननीय सदस्य, आपको बता दूं, यह पहला मौका है शायद, मैं आपका भी फैन हूं और अमिताभ जी का भी। जया फिर उठती हैं और पूछती हैं, ऐसा क्यों? सभापति धनखड़ कहते हैं, ऐसा कोई कपल मुझे मिला नहीं और।
29 जुलाई को हरिवंश ने जया अमिताभ बच्चन बुलाया तो नाराज हो गई थीं
29 जुलाई को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सदन में जया बच्चन को ‘श्रीमती जया अमिताभ बच्चन जी’ नाम से संबोधित कर दिया। इस पर जया उपसभापति पर भड़क गईं। बोलीं- सर, सिर्फ जया बच्चन बोलते तो काफी था।
इस पर उपसभापति ने उन्हें जवाब भी दिया कि यहां पूरा नाम लिखा था इसलिए मैंने रिपीट किया। उन्हें जवाब देते हुए जया बोलीं- ये जो है कुछ नया शुरू हुआ है कि महिलाएं जो हैं वो अपने पति के नाम से जानी जाएं। उनका कोई अस्तित्व ही नहीं हैं। उनकी कोई उपलब्धि नहीं है अपने में।