वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी की पहल पर मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति कनाडा सरकार ने भारत वापस भेजी है। इसके बाद वाराणसी से सदियों पहले ग़ायब हुई अन्नपूर्णा की मूर्ति काशी में एक बार फिर स्थापित हो जाएगी। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को काशी में करेंगे।
11 नवंबर को अन्नपूर्णा की मूर्ति दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना होगी। मूर्ति के रास्ते में पड़ने वाले कई जिलों में इसके पड़ाव होंगे। भगवान शिव की नगरी काशी को अन्न क्षेत्र भी कहा जाता है। भगवान शिव ने काशी में मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। इस लिए काशी में मां अन्नपूर्णा का विशेष महत्व है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदियों पहले काशी से गायब हुई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा काशी में करने वाले हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा विशेष मुहूर्त में पूरे विधि विधान से करेंगे। अन्नपूर्णा जी की मूर्ति के एक हाथ में अन्न और दूसरे में खीर है।
यह मूर्ति काशी विश्वनाथ धाम के प्रांगण में स्थापित की जा सकती है। 11 नवंबर को मूर्ति दिल्ली से सुसज्जित वाहन से जुलूस के रूप में रवाना होगी। 12 को सोरा, कासगंज में रुकेगी। 13 को कानपुर, 14 को अयोध्या और 15 नवंबर को वाराणसी पहुंचेगी।
धर्म के जानकार बताते हैं कि सदियों पहले काशी से मां अन्नपूर्णा की मूर्ति ग़ायब हो गई थी। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री और अन्नपूर्णा मठ के आचार्य प्रो राम नारायण द्विवेदी ने बतया कि मूर्ति के भारत आने और काशी में फिर से स्थापित होने से सनातन धर्मियों में खुशी है। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म की सांराजधानी काशी में दोबारा मूर्ति की स्थापना की जा रही है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।