खतरनाक चक्रवाती तूफान रेमल रविवार रात 8.30 बजे पश्चिम बंगाल के कैनिंग और बांग्लादेश के मोंगला में 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आया। लैंडफॉल 4 घंटे तक चला।
इस दौरान तटीय इलाकों उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मेदिनीपुर, दीघा, काकद्वीप, जयनगर, कोलकाता, हुगली और हावड़ा में 60kmph की रफ्तार से हवाएं चली और बारिश हुई।
तूफान से पश्चिम बंगाल के दक्षिणी तटीय इलाकों के 24 ब्लॉक और 79 वार्ड प्रभावित हुए। इन इलाकों के 15 हजार घरों को नुकसान हुआ है।
राजधानी कोलकाता में 100 से ज्यादा पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। सड़कों पर पानी भर गया। कोलकाता और सुंदरबन में दो लोगों की मौत हो गई।
कोलकाता के सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट पर 21 घंटे बाद फ्लाइट सर्विस दोबारा शुरू हो गई है। तूफान से पहले रविवार को इसे बंद किया गया था। 394 फ्लाइट्स कैंसिल हुई थीं।
कोलकाता में रविवार सुबह 8.30 बजे और सोमवार सुबह 5.30 बजे के बीच 146 मिमी बारिश दर्ज की गई। हल्दिया में 110 मिमी, तामलुक में 70 मिमी और निमिथ में 70 मिमी बारिश हुई।
बांग्लादेश में भी तूफान का जबरदस्त असर है। ढाका के सोमोय टीवी के मुताबिक, बांग्लादेश में तूफान के कारण 7 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने 1.5 करोड़ लोगों के घरों की बिजली काट दी है।
अभी तूफान की क्या स्थिति है
मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, गंभीर चक्रवाती तूफान 'रेमल' सोमवार सुबह कमजोर होकर एक चक्रवाती तूफान में बदल गया है।
अब यह नॉर्थ-ईस्ट की ओर 15 kmph की रफ्तार से बढ़ रहा है। यानी बंगाल से लगे त्रिपुरा, असम, मेघायल, सिक्किम में इसका असर रहेगा। हालांकि, तब तक यह कमजोर हो चुका होगा।
तूफान की वजह से पश्चिम बंगाल के अलावा ओडिशा, झारखंड और बिहार के कुछ इलाकों में 27 और 28 मई को बारिश होगी।
तूफान को लेकर क्या तैयारी थी, 3 पॉइंट
केंद्र सरकार ने NDRF की 12 टीमों को बंगाल के तटीय इलाकों में तैनात किया था। 4 टीमें स्टैंडबाय पर थीं।
इसके अलावा जहाजों और विमानों के साथ सेना, नौसेना और कोस्ट गार्ड टीम भी इमरजेंसी के लिए मुस्तैद थीं।
बंगाल के तटीय इलाकों से करीब 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया था।