भोपाल । राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि टी.बी. रोग के प्रसार की आशंका वाले उद्योगों, व्यवसायों से रोग परीक्षण और उपचार प्रयासों में सहयोग प्राप्त किया जाए।
टी.बी. रोग के कारणों, उपचार संबंधी जानकारियों के संबंध में जन-जागरण के कार्य किए जाए। स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन के पूर्व संबंधित क्षेत्र में दृश्य-श्रव्य के विभिन्न माध्यमों के कार्यक्रम किए जाए। राज्यपाल श्री पटेल आज राजभवन में टी.बी. एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि ऐसी गतिविधियाँ, जिनसे क्षय रोग पीड़ित होने की आशंका होती है, वहाँ पर नियोजकों के सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र स्थापित किए जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टी.बी. रोग की जितनी जल्दी पहचान होगी, उसका उपचार उतनी जल्दी होता है। अतः रोग के कारणों के संबंध में व्यापक जन-जागृति के प्रयासों के साथ ही पूरा इलाज रोगी को मिलें, इसके लिए निरंतर चिंतन कर नवाचार किए जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए कार्य की निगरानी किया जाना बहुत आवश्यक है। रोग नियंत्रण प्रयासों की क्षेत्रवार, कार्यवार, साप्ताहिक, मासिक और त्रैमासिक समीक्षाएँ की जाए। उन्होंने गाँव स्तर पर क्रियान्वयन कराने के लिए भी कहा, जिससे जमीनी सच्चाइयों के आधार पर कार्य-योजना को अद्यतन किया जाए।
राज्यपाल का टी.बी. एसोसिएशन के मानसेवी सचिव डॉ. जी.पी. सक्सेना ने स्वागत किया। आभार प्रदर्शन जयपाल सचदेव ने किया। एसोसिएशन के द्वारा किए जा रहे कार्यों और राज्य में टी.बी. उन्मूलन के लिए हो रहे प्रयासों के संबंध में जानकारी दी गई। बताया गया कि रोगी की पहचान के लिए केमिस्ट के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने का ऐप संचालित है। देश का एकमात्र राज्य मध्यप्रदेश है, जहाँ निजी क्षेत्र की सहभागिता के साथ रोग उन्मूलन के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा, राज्य क्षय अधिकारी डॉ. वर्षा राय, जिला क्षय अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा, समिति के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे।