इंदौर । इंदौर में मास्टर प्लान की 23 सड़कों के लिए जारी टेंडर नगर निगम ने निरस्त कर दिए हैं। अब इन सड़कों के लिए दोबारा टेंडर जारी किए जाएंगे। निगम ने इन सड़कों के लिए चार अलग-अलग पैकेज में टेंडर जारी किए थे। आरोप है कि चार निर्माण एजेंसियों ने आपस में संगमत होकर इस तरह से टेंडर डाले थे कि चारों ही एजेंसियों को काम मिल जाए।
रेट भी ज्यादा थे। इसके बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने टेंडर निरस्त कर दोबारा बुलवाने के निर्देश दिए। महापौर ने कहा कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। ज्यादा कंपनियां आएंगी तो गुणवत्ता भी बढ़ेगी और निगम को आर्थिक लाभ भी होगा।
केंद्र सरकार ने इंदौर की 23 सड़कों के लिए 468 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। मास्टर प्लान की ये सड़कें तेजी से बन जाएं, इसके लिए निगम ने चार अलग-अलग पैकेज में टेंडर जारी किए थे। इनमें पीडी अग्रवाल, बीआर गोयल, सोम प्रोजेक्ट और हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर ने रुचि दिखाई थी।
आरोप है कि चारों निर्माण एजेंसियों ने संगमत होकर रिंग बनाने के साथ चार पैकेज में हर एक में दो टेंडर डाले। इस तरह से आठ टेंडर इस तरह से डाले गए थे कि चारों एजेंसियों को काम मिल जाए। फाइनेंशियल बिड में सड़कों को बनाने के रेट नौ से 11 प्रतिशत तक ज्यादा आए थे। इसके बाद महापौर के निर्देश पर जनकार्य विभाग ने टेंडर निरस्त कर दोबारा बुलाने का निर्णय लिया।