पुलिस पूरे मामले की जांच में है जुटी
इस मामले में सीओ सिटी नारायण सिंह ने बताया कि, 'लैब टेक्नीशियन मनीष कुमार यादव दवाइयां की सिसियो के अंदर यह मादक पदार्थ और इलेक्ट्रॉनिक सामान मोबाइल जैसी चीजों को छुपा कर जेल के अंदर कैदियों तक पहुंचाने का काम करता था।' जेल में 4 ग्राम गांजे की कीमत लगभग 3000 रुपये है। यह बाजार मूल्य से लगभग 20 गुना ज्यादा है। इसी तरह, एक बीड़ी बंडल की कीमत 1000 रुपये है। छोटे मोबाइल फोन 20,000 रुपये में बेचे जाते हैं। कुबेर तंबाकू की एक पुड़िया की कीमत 300 से 500 रुपये के बीच होती है। इस घटना से जेल कर्मचारियों और कैदियों के बीच साठगांठ का पता चला है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।