जिंदा मरीज को परिजनों ने मरा माना
प्रसूता जिंदा थी पर परिजन ही चिल्लाने लगे मार डाला। उसके बाद हंगामा करने लगे। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि रात करीब 12 बजे तक प्रसूता सुमन स्वस्थ्य है व उसका इलाज चल रहा है। बावजूद इसके परिजन व उनके साथ मकरोनिया और सदर इलाके से आए खुद ही चिल्लाना शुरू कर दिया कि उनका मरीज मर गया है। उसे अस्पताल स्टाफ की लापरवाही ने मार डाला। इसके बाद लेबर रूम के बाहर हंगामा शुरू हो गया।
पुलिस चौकी के स्टाफ को भी नहीं बख्शा
अस्पताल में हंगामे की खबर मिलते ही सीनियर डॉक्टर, सुरक्षागार्ड, सुपरवाइजर और पुलिस चौकी का अमला लेबर रूम पहुंच गया था। युवकों व परिजन को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे समझने को तैयार ही नहीं थे। सभी ने हंगामा शुरू कर दिया। वे स्टाफ को मारने तक दौड़े।
पत्थर मारकर ताला तोड़ने की कोशिश
हालात बिगड़ते देख कॉरिडोर के चैनल गेट पर अंदर से ताला लगा दिया गया। ताकि लेबर रूम तक कोई न पहुंच सके। ताकि इस हंगामे से बाकी मरीज डिस्टर्ब न हो। हंगामे से अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। दूसरे मरीज और परिजन सकते में आ गए। कुछ युवकों ने भारी पत्थर से चैनल गेट का ताला तोड़ने का प्रयास किया तो कुछ युवकों ने कांच के गेट तोड़ डाले।
सीएसपी और डीन मौके पर पहुंचे
मामले में बीएमसी के डीन डॉ. पीएस ठाकुर और सीएसपी को मौके पर पहुंचे। हंगामा करने वाले जिस प्रसूता सुमन पटेल की डॉक्टरों की लापरवाही से मौत की बात कहकर उत्पात मचा रहे थे, जब अधिकारी पहुंचे तो उसकी पल्स चल रही थी। प्रसूता होश में थी।
दर्द से बिलखती मिली प्रसूता
सीजर और टांके पके होने की वजह से दर्द से बिलख रही थी। परिजन उसे तड़पता छोड़ उसकी मौत की बात कहकर हंगामा करने लगे थे। सीएसपी ने परिजन को भी फटकार लगाई और बाकी लोगों को अस्पताल से बाहर कराया, जब जाकर स्थिति शांत हो सकी।